रायपुर। भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में युवा, महिलाओं और किसानों को केंद्र में रखकर कई फ्लैगशिप योजनाओं का संचालन किया, फिलहाल इनमें से 18 योजनाओं को साय सरकार ने बंद कर दिया है। इनमें राजीव युवा मितान क्लब, गोधन न्याय योजना, बेरोजगारी भत्ता योजना, रीपा, मुख्यमंत्री कर्ज माफी योजना, सिंचाई कर माफ योजना, महिला समूहों का ऋण माफ, सीएम आदिवासी परब सम्मान निधि योजना, सीएम छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि योजना, कोदो, कुटकी, रागी खरीदी, नरवा, गरवा, घुरवा बारी, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना, मुख्यमंत्री महतारी दुलार योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धरसा विकास योजना, शहरी गरीबों को पट्टा एवं आवास योजना, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक और मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शामिल हैं।

जानिए भूपेश सरकारी की योजनाएं…
राजीव युवा मितान क्लब – योजना का शुभारंभ 18 सितंबर 2021 को हुआ और इसमें हर क्लब में 20 से 40 युवा थे। प्रदेश में 13,261 राजीव युवा मितान क्लब गठित करने के लक्ष्य पर 13,242 क्लब बनाए गए थे। हर क्लब को प्रति तीन महीने में 25 हजार रुपये का अनुदान राशि दिए जाने का प्रविधान किया गया था। राजीव गांधी युवा मितान क्लब योजना के तहत बीते 2 सालों में राज्य के 13 हजार 269 क्लबों को कुल 132 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। बता दें कि इससे पहले इस योजना के तहत दी जाने वाल राशि पर रोक लगाई गई थी। अब योजना को ही बंद कर दिया गया है।

गोधन न्याय योजना – इस योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 को हुई थी। तब से से 15 नवंबर साल 2023 तक प्रदेश सरकार ने कुल 143.46 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की और इसके एवज में 3 लाख 76 हजार 927 हितग्राहियों को 286.91 करोड का भुगतान किया गया है। सरकार बदलते ही गोधन न्याय योजना के तहत होने वाली गोबर खरीदी बंद कर दी गई है। आदेश मिलते ही निगम के अफसरों ने इसकी जानकारी सभी समितियों को दे दी है।

बेरोजगारी भत्ता – प्रदेश में बेरोजगारों को आठ महीने में 146 करोड़ रुपये का वितरण किया। प्रदेश में एक अप्रैल 2023 को पूर्ववर्ती सरकार ने बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरुआत की थी। बारहवीं पास बेरोजगारों को इस योजना के तहत उनके खातों में सीधे 2,500 रुपये की राशि प्रदान की जाती थी। बेरोजगारों को आर्थिक मदद के साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रविधान रखा गया था। योजना के लिए आवेदकों की आयु न्यूनतम 18 वर्ष से 35 वर्ष रखी गई थी।

रीपा – रीपा योजना का फुलफार्म रूरल इंडस्ट्रियल पार्क है। यह योजना 2 अक्टूबर 2022 को शुरू हुई थी।
प्रदेशभर में 300 रीपा स्थापित किए गए, जिनका कुल बजट 44175.39 लाख का था।

मुख्यमंत्री कर्ज माफी योजना – कांग्रेस ने पिछले यानी 2018 के विधानसभा चुनावों में भी किसानों से इसी तरह का वादा किया था। इस वादे के बदौलत कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में भारी जीत दर्ज करने में मदद मिली थी। भूपेश बघेल सरकार ने पहले कहा था कि उसने 2018 का वादा पूरा करते हुए राज्य के 18.82 लाख किसानों के 9,270 करोड़ रुपये के कृषि लोन माफ कर दिया था। वैसे ही सिंचाई कर माफ, महिला समूहों का ऋण माफी का प्रावधान किया गया था।

सीएम आदिवासी परब सम्मान निधि – मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10 हजार रूपए निर्धारित अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान था। देवगुड़ियां (आदिवासियों का पूजा स्थल) और घोटुलों (आदिवासियों का सांस्कृतिक मिलन स्थल) का संरक्षण और संवर्धन कर राज्य सरकार ने आदिम जीवन मूल्यों को संवारने का लक्ष्य था। योजना में मेला, मड़ई, जात्रा त्योहार, सरना पूजा, देव गुड़ी, छेरछेरा, अक्ती, नवाखाई और हरेली जैसे विभिन्न त्योहार को शामिल किया गया था।

सीएम छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि – इस योजना का शुभारंभ 20 अप्रेल को हुआ था। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना राज्य के गैर अनुसूचित क्षेत्रों के सामुदायिक क्षेत्रों में तीज-त्यौहार मनाने हर ग्राम पंचायत को दो किश्तों में 10 हजार रुपए देने का प्रावधान था।

साय सरकार ने बदले योजनाओं के नाम
साय सरकार ने भूपेश सरकार की छह प्रमुख योजनाओं के नाम बदल दिए हैं। उदाहरण के लिए, राजीव गांधी किसान न्याय योजना को अब कृषक उन्नति योजना के रूप में लागू किया गया है। राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना रख दिया गया है।

राजीव गांधी आजीविका केंद्र को अब दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना के रूप में पेश किया जा रहा है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना का नाम बदलकर दीनदयाल भूमिहीन कृषि मजदूर योजना कर दिया गया है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना का नाम अब शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना रखा गया है। मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस योजना को अब मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।