0 रायपुर में पिछड़ा वर्ग के लिए 23 सीटें हैं आरक्षित

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों में आरक्षण की नई नीति लागू होने के बाद सभी की नजरें आने वाले महीनों में होने वाले नगर निगमों के चुनाव पर टिक गई हैं। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि किस निगम में ओबीसी का कितना आरक्षण होगा जानकार बताते हैं कि रायपुर नगर निगम में वार्डों की स्थिति यथावत रह सकती है। यहां पिछड़ा वर्ग के लिए 23 वार्ड आरक्षित है, और नई नीति के बाद भी उतनी ही संख्या रह सकती हैं। यहां वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया 15 दिसंबर के आस-पास होने की उम्मीद है।
छत्तीसगढ़ में सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिश को मान लिया है और नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की नई नीति को मंजूरी भी दे दी है। इसके लिए अध्यादेश भी जारी हो चुका हैं। आयोग ने निकायों और पंचायतों में कुल आरक्षण 50 फीसदी तक सीमित रखने की सिफारिश की है। इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति को आबादी के अनुपात में आरक्षण मिलता रहा है, और उतनी ही सीट आरक्षित होती रही है। नई नीति के बाद पंचायतों में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें बढ़ सकती हैं और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में कटौती भी हो सकती है।
जानकार बताते हैं कि निकायों की स्थिति में कुछ जगहों पर बदलाव आ सकता है। मगर रायपुर जैसे बड़े नगर निगम में नई नीति के बाद भी वार्डों का आरक्षण यथावत रह सकता है। पहले पिछड़ा वर्ग को निकायों और पंचायतों में 25 फीसदी तक आरक्षण मिलता रहा है। रायपुर नगर निगम में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की आबादी 1 लाख 34 हजार 223 है। जबकि अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 44 हजार 970 हैं। रायपुर नगर निगम सीमा में कुल 10 लाख 48 हजार 120 मतदाता हैं।
रायपुर निगम में इतनी सीटें हैं आरक्षित
रायपुर नगर निगम में वर्तमान में अनुसूचित जाति के लिए 9 और अनुसूचित जनजाति के लिए 3 सीटें आरक्षित हैं। जबकि पिछड़ा वर्ग के लिए 23 सीट आरक्षित हैं। इसीके भीतर महिलाओं के लिए भी आरक्षण है। बाकी 35 सीटें अनारक्षित हैं। नई नीति के बाद संख्या में कोई परिवर्तन नहीं आने की उम्मीद है। जबकि पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण चक्र क्रम के अनुसार बदल जाएगा। बाकी नगर निगमों में जनसंख्या के आधार पर बदलाव के हालात बन सकते हैं।