– स्वास्थ्य विभाग की खरीदी में हो रही अनियमितता, मिल रही गड़बड़ियां

– खरीदी करने के बाद भुगतान की गई राशि की वसूली भी नहीं कर रहे अधिकारी, जबकि नियमत: ऐसा होना चाहिए

रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक भ्रष्टाचार का एक नया नमूना सामने आया है। सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड) ने ऐसा कारनामा किया है कि जिससे उसकी कार्यशैली संदेह के दायरे में आ गई है। उसने 40 रुपए की पेट्रोलियम जैली ( वैसलीन) को एक कंपनी से 160 रुपए में खरीदा है। 400 फीसदी ज्यादा रकम देकर इस खरीदी के बाद कंपनी से ज्यादा भुगतान की गई राशि को वसूलने का प्रावधान है। मगर विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए कोई शुरूआत नहीं की है।

कब का है मामला

संचालनालय स्वास्थ्य सेवा छत्तीसगढ़ इंद्रावती भवन नया रायपुर से 16 अक्टूबर 2017 को 10 प्रकार की सामग्री की खरीदी के लिए सीजीएमएससी को पत्र लिखा गया था। इनमें से एक वैसलीन भी थी। जिसे सरकारी भाषा में वाइट पेट्रोलियम जैली भी कहते हैं। इसमें 500 ग्राम के 132013 नग की आपूर्ति के लिए लिखा गया था। यह खरीदी सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक के द्वारा की जानी थी। प्रबंध संचालक ने एसडी फाइन चेम लिमिटेड के साथ 160 रुपए प्रति नग वेसलीन की कीमत निर्धारित कर दी। इसके बाद खरीदी के दो आर्डर जारी किए गए। पहला आर्डर 60000 नग और दूसरा आर्डर 19208 के लिए हुआ, जिसके लिए 1 करोड़ 26 लाख 73 हजार रुपए का चेक एसडी फाइन चेम लिमिटेड को दिया गया।

40 रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए कीमत

दरअसल इस वैसलीन की कीमत 40 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती। यह कीमत नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथाॅरिटी (एनपीपीए) द्वारा तय की जाती है। एनपीपीए ने इसके लिए अधिकतम खुदरा मूल्य 40 रुपए तय किया है। बावजूद इसके, सीजीएमएससी ने 160 रुपए प्रति नग का भुगतान किया।

नियमत: होनी चाहिए वसूली

एनपीपीए के मुताबिक जिस अधिक राशि का भुगतान कंपनी को किया गया है, उसकी वसूली करनी होगी। लेकन कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। यह वसूली ब्याजा के साथ करनी होगी।

अन्य सामग्रियों में भी हो सकता है भ्रष्टाचार

विभाग द्वारा महज 40 रुपए की वैसलीन 160 रुपए में खरीदना स्वतः ही संदेह के दायरे में आ जाता है। इसतरह की अनियमित खरीदी केवल वैसलीन ही नहीं कई अन्य सामग्रियों में भी हो सकती है। विभाग के कुछ लोगों का मानना है कि अफसर पुराने तारीख पर दिल्ली बुलाकर चेक साइन करवा रहे हैं, जिससे अन्य गड़बड़ियों की भी आशंका है।

जवाब नहीं दे रहे जिम्मेदार अधिकारी

इस संबंध में जब स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक से सवाल किया गया तो उन्होंने व्हाटसएप्प पर इस मामले की जानकारी मंगवाई किंतु किसी तरह का जवाब नहीं दिया। बाद में कई बार कॉल भी किया गया मगर स्वास्थ्य सचिव ने कॉल रिसीव ही नहीं किया।