टीआरपी डेस्क। शीतकालीन सत्र के नौवें दिन, शुक्रवार (6 दिसंबर), संसद में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में जानकारी दी कि सीट नंबर 222 से 500 रुपये के नोटों की गड्डी बरामद हुई है। यह सीट कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को अलॉट की गई है। इस ऐलान के बाद सदन में हंगामा मच गया।

बीजेपी ने की जांच की मांग
सत्ताधारी भाजपा ने इस मामले को गंभीर बताया और पूरी जांच कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे असाधारण घटना करार देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। भाजपा ने इसे संसद की गरिमा से जुड़ा मामला बताया और जोर दिया कि इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
जेपी नड्डा ने कहा, जब देश डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है, तो सदन में नकदी लाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह संसद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।
सिंघवी की सफाई: मेरे पास 500 रुपये का ही नोट रहता है
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, जब मैं राज्यसभा जाता हूं, तो मेरे पास सिर्फ 500 रुपये का एक नोट होता है। यह पहली बार है जब मैंने सुना कि किसी सीट से नकदी बरामद हुई है। उन्होंने बताया कि घटना के समय वह सदन में मौजूद नहीं थे और इस मामले में उनका नाम घसीटना अनुचित है।
खड़गे : बिना जांच नाम लेना गलत
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर सभापति द्वारा कांग्रेस सांसद का नाम लिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी का नाम लेना संसद की कार्यप्रणाली के खिलाफ है। खड़गे ने इस घटना को “चिल्लर काम बताते हुए इसे संसद की छवि खराब करने वाला करार दिया।
विपक्ष का प्रदर्शन, सत्ता पक्ष का पलटवार
इस घटना ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच भारी बहस को जन्म दिया। कांग्रेस सांसदों ने जय संविधान के नारे लगाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं, भाजपा ने इसे विपक्ष की जिम्मेदारी करार दिया और कांग्रेस पर निशाना साधा।