टीआरपी डेस्क। हसदेव नदी-जंगल बचाओ पदयात्रा 24 नवंबर को बिलासपुर के नेहरू चौक से शुरू हुई और लगभग 250 किलोमीटर तय कर हरिहरपुर के धरना स्थल पर समाप्त हुई। इस अवसर पर किसान आदिवासी महासम्मेलन का आयोजन किया गया। किसान सम्मेलन में स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि “सरकार को जितना दमन करना है, जेल में डालना है, डाल दे लेकिन हम अपनी जंगल जमीन नहीं छोड़ेंगे। मर जाएंगे लेकिन अदानी कंपनी को जंगल जमीन नहीं देंगे। हमारी ग्रामसभा ने कभी कोई सहमति नहीं दी है सरकार जबरन हम आदिवासियों से सब कुछ छीनकर कंपनी को सौंप रही है। पिछले तीन वर्षों से हरिहरपुर में स्थानीय, किसान, सामाजिक कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि हसदेव के जंगलों में पेड़ों की कटाई हो रही है, जिसका एमडीओ अडानी समूह के पास है।

पदयात्रा को रोकने का हुआ प्रयास

पदयात्रा कई गांव और नगरों के बीच से निकली, जहां स्थानीय निवासियों और किसानों ने यात्रा को समर्थन दिया। यात्रा के अंतिम पड़ाव में तारा बस स्टैंड पर आंदोलन कर रहे लोगों को रोका गया। वहीं, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यात्रा आगे बढ़‌कर हरिहरपुर पहुंची। जिसमें प्रदेश भर से आये पर्यावरणीय संवेदनशील नागरिक और आदिवासी अधिकारों के लिए कार्यरतकाम कर रहे प्रथमेश मिश्रा, राधेश्याम शर्मा, अजय सिंघानी, निर्मला नायक सहित अन्य पदयात्रियों का ग्रामीणों ने स्वागत किया। महासम्मेलन के साथ यात्रा का समापन हुआ।

पूरे प्रदेश की है ये लड़ाई – प्रथमेश

सभा को संबोधित करते हुए प्रथमेश मिश्रा ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ हसदेव के साथियों की नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है। यदि यह जंगल खत्म हो गया तो जांजगीर से लेकर सरगुजा तक पानी का गंभीर संकट पैदा हो जायेगा। डॉ. सत्यजीत साहू ने कहा कि यह लड़ाई मानवता को बचाने की है। हम सभी इस लड़ाई में साथ है और इसे अवश्य जीतेंगे।

हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह आमों ने कहा कि इधर हमारे बूढ़ादेव के पवित्र स्थान को नष्ट किया उधर अमेरिका में अडानी कंपनी पर अपराध दर्ज हो गया। प्रकृति सबके साथ न्याय करती है और एक दिन इस अन्यायी कंपनी और सत्ता को धूल में मिला देगी बस हमें धैर्य के साथ अपनी लड़ाई को जारी रखना है।

CBA के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि संवैधानिक ग्रामसभा, छत्तीसगढ़ विधानसभा के हसदेव को बचाने के संकल्पों को कुचलकर भाजपा सरकार हसदेव के जंगलों का विनाश कर रही है। यह लड़ाई अब सिर्फ हसदेव में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में लड़ी जाएगी।

डॉ. उदयभान सिंह ने कहा कि हमने राज्य निर्माण के लिए आंदोलन किया है और छत्तीसगढ़ राज्य बनाया है हम इसके अस्तित्व से खिलवाड़ होने नहीं देंगे। प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को पूंजीपतियों को लूटने के खिलाफ खुलकर लड़ेंगे सत्ता चाहे किसी की भी हो।

‘न्याय मिलने तक नहीं ग्रहण करेंगे अन्न’

इस मौके पर पर्यावरण कार्यकर्त्ता राधे श्याम शर्मा ने घोषणा की कि जब तक हसदेव को लेकर न्यायपालिका से न्याय नहीं मिलेगा वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।

पदयात्रा के समापन और सम्मेलन के पश्चात खदान के लिए काटे गए वृक्षों के स्थान पर ‘एक वृक्ष छत्तीसगढ़ महतारी के नाम, तुम काटोगे हम लगाएंगे’ के नारे के साथ पदयात्रियों और ग्रामीणों ने साल के पौधों का रोपण किया।

सम्मेलन में एकता परिषद के रघुवीर प्रधान, अजमत राष्ट्रीय युवा संगठन, रविशंकर सिंह, संतोष सिंह, महेश चौधरी, सुषमा पटनायक, नेहरू बसना, निर्मला नायक, जॉन बोदरा, मिथिलेश बघेल, चंद्रप्रदीप बाजपेयी, रतीष श्रीवास्तव, निलोत्पल शुक्ला, सौरभ गुरु तिवारी, संजय सिंघानी, केसी कंवर, अभिषेक मिश्रा, विनय गुप्ता, ललित बघेल अमरताल, डॉ. हेमंत कश्यप, योगेश गुप्ता, अजय रजक, राहुल राय आदि मौजूद रहे।