टीआरपी डेस्क। शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला पहले से उसके संज्ञान में है और इसी पर सुनवाई चल रही है। नई याचिका पर सुनवाई करना अभी उपयुक्त नहीं होगा।

हाईवे बाधित करने पर कानूनी कार्रवाई की मांग
जनहित याचिका में शंभू बॉर्डर और अन्य प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्गों को खोलने के लिए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि हाईवे बाधित करना आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और नेशनल हाइवे एक्ट के तहत एक अपराध भी। याचिका में प्रदर्शनकारियों पर कानूनी कार्रवाई की अपील की गई है।
सरकारों को निर्देश जारी करने की मांग
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह केंद्र और राज्य सरकारों को प्रदर्शनकारियों को हाइवे और रेलवे पटरियों से हटाने का निर्देश दे। इसमें यह भी कहा गया है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन से सार्वजनिक आवाजाही में बाधा आ रही है, जिससे आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
फरवरी से जारी है आंदोलन
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में यह आंदोलन फरवरी 2024 से पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहा है। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक वे डटे रहेंगे। हाल ही में दिल्ली कूच की कोशिश को पुलिस और सुरक्षा बलों ने रोक दिया।