बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आज पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले रायपुर के ACB कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद ACB कोर्ट के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी गई है।

पूर्व महाधिवक्ता ने यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी के माध्यम से लगाई है। देखना होगा कि पूर्व AG को उच्च न्यायालय से राहत मिलती है या फिर निचली अदालत के फैसले को यथावत रखा जाएगा।

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, सतीश चंद्र वर्मा और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धाराओं 7, 7क, 8, और 13(2) और भारतीय दंड संहिता की धाराएं 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए, और 120बी के तहत अपराध दर्ज किया था।

ईओडब्ल्यू की ओर से दर्ज एफआईआर के अनुसार, पूर्व आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने तत्कालीन महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा से पद का दुरूपयोग करते हुए लाभ लिया। दोनों अफसरों ने तत्कालीन महाअधिवक्ता वर्मा को लोक कर्तव्य को गलत तरीके से करने के लिए प्रेरित किया था।

ईओडब्ल्यू का आरोप है कि इसके बाद तीनों ने मिलकर एजेंसी (ईओडब्ल्यू) में काम करने वाले उच्चाधिकारियों से प्रक्रियात्मक दस्तावेज और विभागीय जानकारी में बदलाव करवाया, ताकि नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ 2015 में दर्ज एक मामले में अपने पक्ष में जवाब तैयार कर हाईकोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रख सकें और उन्हें अग्रिम जमानत मिल सके।