टीआरपी डेस्क। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। मंगलवार को प्रियंका गांधी संसद पहुंचीं और उनके पास एक बैग था जिस पर लिखा था, बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हो। यह बैग बांग्लादेशी धार्मिक अल्पसंख्यकों के समर्थन में था, जो हाल के दिनों में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

बता दें कि इससे एक दिन पहले प्रियंका गांधी संसद में फिलिस्तीन के समर्थन में बैग लेकर पहुंची थीं, जिस पर फिलिस्तीन आजाद होगा लिखा था और उसमें तरबूज और सफेद कबूतर की छवियां थीं। इन दोनों बैग्स ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है।

तुष्टीकरण की राजनीति

बीजेपी ने प्रियंका गांधी के इस कदम को तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रियंका पर निशाना साधते हुए कहा कि गांधी परिवार हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करता है और इसी कारण कांग्रेस चुनावों में लगातार हार रही है। उन्होंने इसे “तुष्टीकरण का बैग” बताया और कहा कि यह कदम पार्टी की छवि को और भी नुकसान पहुंचाएगा।

मानवाधिकार और समानता की आवाज उठा रहीं प्रियंका

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी के इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि प्रियंका का उद्देश्य मानवाधिकार और समानता की आवाज उठाना है। कांग्रेस के मुताबिक, प्रियंका गांधी पीड़ित समुदायों के साथ खड़ी हैं और उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ न्याय और समाज में बराबरी सुनिश्चित करना है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि वे हर उस समुदाय की आवाज बनना चाहती हैं जो दमन या उत्पीड़न का सामना कर रहा है।

प्रियंका गांधी की नेतन्याहू की आलोचना

प्रियंका गांधी ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना भी की थी। उन्होंने गाजा में इज़राइली सैन्य कार्रवाई को नरसंहार करार दिया था। इसके बाद फिलिस्तीन के दूतावास के प्रभारी अबेद एलराजेग अबू जाजर ने प्रियंका गांधी से मुलाकात की और उन्हें वायनाड से लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी।