टीआरपी डेस्क। डॉ. आंबेडकर के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी खींचतान ने संसद को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है। गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर पर टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि भाजपा ने कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।

इस बीच, संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की की घटना ने विवाद को और हवा दे दी है। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सारंगी का कहना है कि राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया, जो उनके ऊपर गिर गया। इस घटना में सारंगी घायल हो गए। वहीं, फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत को भी चोट लगी है और वे ICU में भर्ती हैं।

क्या बोले प्रताप सारंगी?

प्रताप सारंगी ने कहा, मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था, तभी राहुल गांधी आए और उन्होंने एक सांसद को धक्का दिया, जो मुझ पर गिर गया। इस झगड़े के दौरान मैं भी नीचे गिर गया और चोटिल हो गया।

राहुल गांधी की सफाई

प्रताप सारंगी के आरोपों पर राहुल गांधी ने सफाई दी है। राहुल ने कहा, यह सब कैमरे में रिकॉर्ड हुआ होगा। मैं संसद के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन भाजपा सांसद मुझे रोकने, धक्का देने और धमकाने का प्रयास कर रहे थे।

उन्होंने आगे कहा, खड़गे जी को भी धक्का दिया गया। लेकिन हम इस तरह की धक्का-मुक्की से प्रभावित नहीं होते। हमें संसद में प्रवेश करने का अधिकार है, और भाजपा सांसद इसे रोकने की कोशिश कर रहे थे।

घायल सांसद अस्पताल में भर्ती

घटना में घायल भाजपा सांसद मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, अर्जुन राम मेघवाल और पीयूष गोयल ने अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल लिया।

राजनीतिक बयानबाज़ी तेज

संसद परिसर में हुई इस धक्का-मुक्की ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा, संसद कुश्ती का अखाड़ा नहीं है। राहुल गांधी ने हमारे सांसदों पर शारीरिक ताकत का इस्तेमाल किया। अगर हमारे सांसद भी प्रतिक्रिया देते, तो स्थिति और खराब हो सकती थी।

उन्होंने आगे कहा, राहुल गांधी ने प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया, जिससे वे घायल हो गए। यह घटना संसद के भीतर अनुशासन और गरिमा का मज़ाक बनाती है।

घटना ने बढ़ाया तनाव

संसद में हुई इस घटना ने भाजपा और कांग्रेस के बीच पहले से जारी तनातनी को और बढ़ा दिया है। दोनों दल एक-दूसरे पर लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचाने और संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगा रहे हैं।