रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर रेडी टू ईट फूड निर्माण के लिए पूर्ववत स्वसहायता समूहों को कार्य सौंपे जाने की बात कही थी। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायक और पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने वर्तमान मंत्री से सवाल पूछा। जिसके जवाब में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जानकारी उपलब्ध कराई।

पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक अनिला भेड़िया ने विधान सभा में सवाल पूछा कि क्या वर्तमान सरकार द्वारा पोषण आहार हेतु रेडी टू ईट फूड निर्माण के लिए पूर्ववत स्वसहायता समूहों को कार्य सौंपे जाने की घोषणा की गई है? यदि हां, तो कब की गई है? बतावें? (ख) उक्त घोषणा के संबंध में रेडी टू ईट फूड निर्माण का कार्य स्वसहायता समूहों को सौंपे जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) घोषणा के अनुरूप यदि वर्तमान में रेडी टू ईट फूड निर्माण का कार्य स्वसहायता समूहों को नहीं दिया गया है तो कब तक उक्त कार्य स्वसहायता समूहों को पूर्ण रूप से सौंप दिया जाएगा? जानकारी देवें?

इस सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि (क) विधानसभा बजट सत्र फरवरी 2024 में दिनांक 13.02.2024 को विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 441 विधायक रायमूनी भगत द्वारा पूछे गये प्रश्न पर चर्चा के दौरान महिला स्व सहायता समूहों को कार्य दिये जाने पर विचार किये जाने का आश्वासन दिया गया था। (ख) रेडी टू ईट फूड निर्माण का कार्य महिला स्व सहायता समूहों को सौंपे जाने हेतु छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभोग, मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर के पत्र क्रमांक एफ 3-55/2016/50 पार्ट दिनांक 06.05.2024 द्वारा रेडी टू ईट की वर्तमान स्थिति में परिवर्तन किये जाने हेतु अध्ययन दल का गठन करते हुए अन्य राज्यों में प्रचलित व्यवस्था का निरीक्षण/परीक्षण किये जाने हेतु किया गया है। अध्ययन दल के प्रतिवेदन पर समुचित निर्णय लिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) महिला स्व सहायता समूहों को कार्य सौपे जाने की निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

महिला समूहों को सरकार के फैसले का बेसब्री से है इंतजार

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में बंटने वाले रेडी टू ईट फूड के निर्माण का काम महिला समूहों से वापस लेते हुए मशीनों की सहायता से इसके निर्माण का काम बीज निगम दे दिया गया था। भाजपा की घोषणा के अनुरूप महिला समूहों को नई सरकार के बनने के बाद से ही दोबारा यह काम मिलने का इंतजार है। हालांकि एक साल बीत चुके मगर फिलहाल सरकार का यह जवाब है कि अध्ययन दल की रिपोर्ट पर निर्णय लेने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, वहीं इसकी कोई समय सीमा भी नहीं बताई गई है, अर्थात इस मामले में सरकार के फैसले का फिलहाल इंतजार करना होगा।