रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल के दौरान आश्रम और छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला जोर-शोर से उठा। इस मुद्दे को विधायक लखेश्वर बघेल ने गंभीरता से सदन में उठाया।

11 बच्चों की मौत, कारणों में भिन्नता

मामले पर जवाब देते हुए मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि बीते 12 महीनों में आश्रम और छात्रावासों में 11 बच्चों की मौत हुई है। इनमें सड़क दुर्घटनाएं, बुखार, सिकल सेल बीमारी और मलेरिया जैसे कारण शामिल हैं। कुछ मौतों के कारण अब तक अज्ञात हैं। मंत्री ने बताया कि इस मामले में विभागीय जांच भी की जा रही है।

अधिक मौतों के आरोप

विधायक लखेश्वर बघेल ने इस जानकारी पर आपत्ति जताई और कहा, अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी सही नहीं है। असल में 25-30 बच्चों की मौत आश्रम और छात्रावासों में हुई है। उन्होंने प्रशासन पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया।

इस पर मंत्री नेताम ने जवाब दिया, अधिकारियों को आपने ही नियुक्त किया है, और वे अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। हमने सभी कलेक्टरों को छात्रावासों और आश्रमों के रख-रखाव में सुधार के निर्देश दिए हैं। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

विधायकों ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, अगर छात्रावासों में भी बच्चे सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो इसे सुशासन कैसे कहा जा सकता है? मंत्री रामविचार नेताम ने सदन को आश्वस्त किया कि विस्तृत जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, हम किसी भी दोषी को बचाने वाले नहीं हैं।