रायपुर। भर्ती के दौरान हुई गड़बड़ी उजागर होने के बाद राजनांदगांव में चल रही आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस आशय की घोषणा की है, हालांकि मुख्यालय से इस आशय के आदेश अब तक जारी नहीं किये गए हैं। राजनांदगांव जिले में पिछले दिनों भर्ती में लेनदेन का खुलासा होने के बाद पुलिस ने FIR दर्ज किया और अब तक कुल 7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

CM साय ने दिया था निर्देश

गृहमंत्री के मीडिया प्रभारी से यह जानकारी सामने आयी है कि राजनांदगांव में होने वाली पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस संबंध में दिशा-निर्देश दिया, जिसके बाद गृह मंत्री विजय शर्मा ने यह आदेश दिया। बता दें कि राजनांदगांव में आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल कुछ उम्मीदवारों ने भर्ती में गड़बड़ी होने की आशंका जताई थी, इसी बीच यहां हो रहे एक इवेंट की प्रभारी DSP ने गड़बड़ी की पुष्टि होने पर मामले में FIR दर्ज करा दी। यहां के लालबाग थाने की पुलिस संदेहियों से पूछताछ कर ही रही थी कि इन्हीं में शामिल एक आरक्षक ने आत्महत्या कर ली।

भर्ती प्रक्रिया हुई विवादस्पद

पुलिस विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में आरक्षकों की भर्ती अलग-अलग जगह आयोजित की गई है। इन्हीं में शामिल राजनांदगांव जिले की भर्ती विवादस्पद हो गई है। दरअसल पुलिस द्वारा आरक्षकों के फिजिकल टेस्ट के लिए हैदराबाद की टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी से जिन उपकरणों की खरीदी की गई है, उसके कर्मचारी ही भर्ती में भ्रष्टाचार का जरिया बन गए। इनके द्वारा फिजिकल टेस्ट करा रहे उम्मीदवारों की नापजोख के समय उनकी माप में गड़बड़ी की गई। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि यह पूरा काम वहां ड्यूटी पर मौजूद आरक्षकों द्वारा कंपनी के कर्मचारियों से मिलीभगत करके किया गया।

मामला उजागर होने के बाद लालबाग थाने की पुलिस ने पहले 4 आरक्षकों और टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी के 2 कर्मियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद एक महिला उम्मीदवार को भी गिरफ्तार किया गया। बता दें कि सुसाइड करने वाले आरक्षक ने इस गड़बड़ी में अधिकारियों का हाथ होने की ओर इशारा किया था और पुलिस भी इस दिशा में जांच कर रही है।

जांच के दौरान खुलासा हुआ कि लगभग 3000 इंट्रियों में गड़बड़ी है। हालांकि कंपनी की ओर से गड़बड़ियों को सुधार कर देने का दावा किया गया, मगर जो सुधार किये गए उनमें भी खामियां उजागर हो गईं। इस बीच कंपनी के भरोसे भर्ती प्रक्रिया जारी रखी गई। आखिरकार मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के संज्ञान में यह बात आयी और राजनांदगांव में हो रही भर्ती प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश देना पड़ा। हालांकि राजनांदगांव SP मोहित गर्ग ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की वहीं गृह विभाग के सचिव मनोज पिंगुआ ने TRP न्यूज से कहा कि उन्हें इस संबंध में गृह मंत्री से कोई आदेश से नहीं मिले हैं, इसलिए विभाग से अब तक कोई भी कोई आदेश जारी नहीं किये गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मंत्री जी ने इस आशय की घोषणा की होगी तो उस पर अमल होगा, बशर्ते इस संबंध में विभाग को भी विधिवत ढंग से दिशा-निर्देश मिल जाये।

पूरी भर्ती प्रक्रिया ही संदेह के दायरे में

अब बात पूरे प्रदेश में चल रही आरक्षक भर्ती प्रक्रिया की। प्रदेश के सभी संभागों में चल रही आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में टाइमिंग टेक्नोलॉजी की मशीनों और उनके कर्मियों के सहारे ही उम्मीदवारों का फिजिकल टेस्ट लिया जा रहा है। ऐसे में इस बात का संदेह होना लाजिमी है कि दूसरी जगह भी गड़बड़ियां हो रही होंगी, मगर न तो पुलिस विभाग के मुखिया और न ही सरकार की ओर से पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच कराये जाने संबंधी कोई भी बयान सामने आये हैं। अब जब राजनांदगांव में भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है, तो माना जा रहा है कि दूसरे संभागों में हो रही आरक्षक भर्ती की भी जांच कराई जाएगी। वैसे मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है और पूरी भर्ती की CBI जांच की मांग की है।

वन विभाग में हो रही भर्ती भी विवादों में

पुलिस विभाग की तरह ही वन विभाग में भी वनरक्षकों की भर्ती में टाइमिंग टेक्नोलॉजी के उपकरणों और कंपनी के कर्मियों के सहारे भर्ती प्रक्रिया अपनाने की वजह से इसमें भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। TRP न्यूज ने भी इस आशंका के मद्देनजर प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया है और कुछ स्थानों पर भर्ती में हुई गड़बड़ियों का उल्लेख भी किया है। बताया जा रहा है कि वनरक्षकों के फिजिकल टेस्ट के दौरान कई स्थानों पर गड़बड़ियां हुई हैं। कायदे से मशीनों में दर्ज डाटा और मैनुअल तरीके से दर्ज किये गए नापजोख का सूक्ष्मता से मिलान किया जाये तभी इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि गड़बड़ियां हुई हैं या नहीं।

बहरहाल अब भी इन भर्तियों को लेकर सरकार के रुख का अब भी इंतजार है। बताया जा रहा है कि गृहमंत्री विजय शर्मा दिल्ली के दौरे पर हैं और उनके आने के बाद इस संबंध में कोई विभागीय आदेश जारी किये जायेंगे।