टीआरपी डेस्क। गुरुवार (26 दिसंबर) की शाम एक ऐसी खबर आई जिसे सुनकर पूरा देश शोक में डूब गया। रात करीब 10 बजे खबर आई की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नहीं रहे। गुरुवार रात 9 बजकर 51 मिनट पर उन्होंने दिल्ली के AIIMS में अंतिमि सांस ली। देर रात उनके पार्थिव को दिल्ली स्थित उनके आवास पर लाया गया। पूर्व पीएम के निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने शोक प्रकट किया है। शुक्रवार(27 दिसंबर) की सुबह पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, शिक्षा मंत्री जेपी नड्डा ने मनमोहन सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।

पीएम मोदी और शाह ने दी श्रद्धांजलि

शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और शिक्षा मंत्री जे.पी. नड्डा ने डॉ. सिंह के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

कई राज्यों में कार्यक्रम स्थगित

डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने कार्यक्रम स्थगित कर दिए। केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। अंतिम संस्कार शनिवार, 28 दिसंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली में होगा।

अंतरराष्ट्रीय नेताओं की श्रद्धांजलि

डॉ. सिंह के निधन पर अमेरिका, मालदीव और अन्य देशों के नेताओं ने गहरी संवेदना प्रकट की। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने डॉ. सिंह को भारत-अमेरिका साझेदारी का मजबूत आधार बताया। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला शाहिद ने उन्हें ‘मालदीव का सच्चा मित्र’ कहा।

भारतीय उद्योग जगत में शोक

भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का 1991 का आर्थिक सुधार भारत के इतिहास में मील का पत्थर था। उनका शांत और प्रभावी नेतृत्व अद्वितीय था।” अडानी ने कहा कि डॉ. सिंह का जीवन नेतृत्व, सेवा और विनम्रता का आदर्श उदाहरण है। उन्होंने उन्हें ‘एक दुर्लभ नेता’ करार दिया।

डॉ. मनमोहन सिंह को वैश्विक स्तर पर एक विचारशील और प्रभावी नेता के रूप में जाना जाता था। उनके कार्यकाल में भारत ने दुनिया के कई देशों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए। वे अपनी सादगी और बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध थे। उनके योगदान को न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया ने सराहा। डॉ. मनमोहन सिंह का शांत और सशक्त नेतृत्व इतिहास में दर्ज रहेगा। उनकी नीतियां और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी। दुनिया के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर उनके योगदान को अमर कर दिया है। उनका जीवन और विचार हमें आगे बढ़ने की राह दिखाते रहेंगे।