रायपुर। छत्तीसगढ़ में 10 साल बाद सड़क और पुल निर्माण सामग्रियों के बाजार मूल्यों में वृद्धि हुई। पीडब्ल्यूडी मंत्री अरूण साव ने न्यू सर्किट हाउस में सड़क और सेतु निर्माण की दरों की अनुसूची का विमोचन किया। उन्होंने बताया कि 2015 के बाद अब निर्माण सामग्रियों के बाजार भाव का समग्र रूप से मूल्यांकन करके SOR बढ़ाया जा रहा है, जो कि एक जनवरी 2025 से लागू की जाएगी।


मंत्री साव ने बताया कि 2015 की अनुसूची में 2014 में लागू श्रमिकों के दर, सामग्री की दर और मशीनरी की दर लागू है, जिसमें पिछले 10 वर्षाें में काफी बदलाव हो चुके हैं। नए दर अनुसूची को वर्तमान बाजार मूल्यों का मूल्यांकन करते हुए तैयार किया गया है।

2015 की SOR तत्कालीन टैक्स के अनुसार थी, जबकि एक जुलाई 2017 को सभी टैक्स को मर्ज करते हुए GST लागू की गई थी। SOR 2015 में इसे नहीं जोड़ा गया, वहीं अब ठेकेदारों को टेंडर रेट GST जोड़कर देना होगा और अलग से GST देय नहीं होगी।

पिछले 10 वर्षों में नई तकनीक, नए मटेरियल और कार्य के तरीकों में भी बदलाव आया है। नई SOR में नई तकनीक और मटेरियल के उपयोग के प्रावधान भी किए गए हैं, जैसे कि:

सीमेंट और केमिकल से स्वाईल स्टेबलाईजेशन
पेवमेंट व्हाइट टॉपिंग
रोड साइनिज में एल्युमिनियम कम्पोजिट मटेरियल शीटिंग का उपयोग
प्रीकास्ट RCC ड्रेन और बाक्स कल्वर्ट
फाउंडेशन कार्य में RCC के उच्च ग्रेड- ड-40, ड-45, ड-50 का उपयोग
सबस्ट्रक्चर कार्य में प्री-स्ट्रेसिंग
बम्बू क्रैश बैरियर
नॉइज़ वैरियर
वर्तमान में अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार GST दरों में परिवर्तन होने पर ठेकेदार को GST के अंतर का भुगतान प्राप्त नहीं होता, जिससे ठेकेदार को अधिक रिस्क का सामना करना पड़ता है। अनुबंध के फार्म में बदलाव कर ठेकेदार के रिस्क को कम किया जा रहा है। GST दरों में वृद्धि होने पर राष्ट्रीय राजमार्गों और ADB प्रोजेक्ट्स के कार्यों के अनुबंधों के अनुसार GST के अंतर का भुगतान किया जाएगा।

नई दर अनुसूची लागू होने से निर्माण कार्यों के DPR/प्राक्कलन में लागत का आंकलन वास्तविक होगा, और कार्यों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति के समय पुनरीक्षित स्वीकृति की आवश्यकता कम होगी। इससे कार्यों की समय-सीमा में पूर्णता और सार्थक परिणाम मिलेंगे।

सड़क के संधारण के लिए वर्तमान पद्धति में, वर्षा ऋतु में सड़क के क्षतिग्रस्त होने की संभावना का पूर्व अनुमान लगाकर निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं, लेकिन कई बार ऐसी स्थिति होती है कि सड़क खराब रहती है, लेकिन संधारण एजेंसी उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्य में विलंब होता है। कई बार एजेंसी तय होने के बावजूद ठेकेदार द्वारा कार्य समय पर नहीं किया जाता।

इसी समस्या के समाधान के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और कई राज्यों के लोक निर्माण विभाग में पीबीएमसी (Performance Based Maintenance Contract) और ओपीआरएमसी (Output and Performance Based Maintenance) पद्धति से सड़क संधारण कार्य किया जा रहा है। इस पद्धति में एक ही एजेंसी को 5 से 7 वर्षों तक सड़क संधारण का कार्य सौंपा जाता है। यदि एजेंसी समय पर कार्य नहीं करती, तो प्रत्येक दिन विलंब के लिए पेनाल्टी का प्रावधान है। इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग ऑनलाइन की जाती है, जिससे कंट्रोल रूम से सड़क की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

देर आए दुरूस्त आए

छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनीत शुक्ला का कहना है कि सरकार ने निर्माण सामग्रियों की दरें बढ़ा दी है, यह एक अच्छा कदम है। इन दरों को काफी पहले बढ़ा दिया जाना था लेकिन कोई बात नहीं, देर आए दुरूस्त आए। आज रेती, गिट्टी, ईंट, टाइल्स, पाइप जैसे सामग्रियों की कीमत काफी बढ़ चुकी है, सरकार के इस फैसले से ठेकेदारों को बल मिलेगा।