टीआरपी डेस्क। जगदलपुर के नानगुर क्षेत्र के बड़ेबोदल गांव में सोमवार को मसीही समुदाय की महिला की मौत के बाद शव दफनाने के नाम पर विवाद खड़ा हो गया। बताया जा रहा है कि सरपंच गंगाराम के साथ 8 ग्रामीणजन इस झगड़े के बीच घायल हो गए। मामले में अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और पूरे इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

दरअसल, दोनों समुदाय के बीच हुए मारपीट के दौरान सरपंच बीच-बचाव करने पहुंचे थे और इसी दौरान उनसे मारपीट हो गई। फिलहाल, घायलों को इलाज जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें शव को दफनाने के लिए जमीन पर दोनों समुदाय का विवाद हो चुका है। मसीही समुदाय ने जमीन और फसलों की सुरक्षा की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया था।
धर्मांतरण प्रदेश में आज एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है और इस पर लगातार चर्चा हो रही है। खासकर बस्तर में चल रहे धर्मांतरण के मामला को राजनीतिक स्तर पर उठाया गया है और यह विवाद का मुद्दा बना हुआ है। आदिवासी समाज और मसीही समाज अब आमने-सामने आने लगे हैं और जब भी कोई घटना होती है तो प्रश्न यह उठाया जाता है कि धर्मांतरित वर्ग की संख्या क्या है। मसीही समाज अपनी मांगों को लेकर बस्तर में प्रदर्शन कर रहा था, जिसमें कब्रिस्तान के लिए जमीन देने और फसलों की सुरक्षा की मांग की गई थी।
जगदलपुर में प्रदर्शन
बस्तर में 8, 9 और 10 नवंबर को प्रार्थना महोत्सव के आयोजन की तैयारी हो चुकी थी और मसीही समाज के धर्मगुरू पॉल दिनाकरण आने वाले थे लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। पहले यह सभा कालीपुर में प्रस्तावित थी, उसे भी रद्द कर दिया गया। समाज ने इस विषय को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद समाज ने मिशन ग्राउंड और मैंगो गार्डन की अनुमति मांगी, जिस पर एसडीएम ने सीएसपी से अभिमत लेते हुए मिशन ग्राउंड में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। प्रार्थना महोत्सव में पॉल दिनाकरन और उनका परिवार हिस्सा लेने वाले थे, जिस पर हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि धर्मांतरण के उद्देश्य से महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही इस कार्यक्रम में भोले-भाले आदिवासियों का धर्मांतरण कराया जाएगा।
बस्तर में लगातार मसीही समुदाय के लोगों का विरोध हो रहा है। यह विवाद मसीही समाज में अंतिम संस्कार की प्रथा को लेकर है, क्योंकि समाज मृतकों को दफनाने के लिए जमीन की मांग कर रहा है। इन सभी विवादों के चलते मसीही समाज आंदोलनरत है। कुछ महीने पहले ही नारायणपुर के मरोड़ा गांव में शव को दफनाने को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हुई थी। ऐसे मामलों के सामने आने से विवाद बढ़ता गया।