टीआरपी डेस्क। जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार (6 जनवरी) को गिरफ्तार कर लिया। वे बीपीएससी छात्रों के समर्थन में बीते तीन दिनों से पटना के गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। सोमवार सुबह करीब 4 बजे पुलिस गांधी मैदान पहुंची और प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया। इसके बाद एम्स में मेडिकल जांच कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस कार्रवाई के बाद छात्रों ने हंगामा किया और गांधी मैदान से प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया।

पटना डीएम ने बताई गिरफ्तारी की वजह

पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है और आज सुबह 10 बजे उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। डीएम के अनुसार, प्रशासन ने उन्हें गर्दनीबाग में धरना देने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने गांधी मैदान में प्रदर्शन जारी रखा, जो प्रतिबंधित क्षेत्र है। इस वजह से पुलिस को यह कदम उठाना पड़ा।

छात्रों ने किया विरोध

गिरफ्तारी के समय छात्रों ने प्रशांत किशोर को बचाने की कोशिश की और उनसे लिपट गए। लेकिन पुलिस ने छात्रों को हटाकर प्रशांत किशोर को हिरासत में ले लिया। इसके बाद एंबुलेंस से उन्हें एम्स ले जाया गया। मेडिकल जांच के दौरान प्रशांत किशोर स्वस्थ पाए गए।

रीएग्जाम और सरकार पर निशाना

प्रशांत किशोर ने बीपीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि रीएग्जाम से यह साबित होता है कि सरकार ने अपनी गलती स्वीकार की है। परीक्षा में 50% से भी कम छात्रों की उपस्थिति राइट टू इक्वालिटी के खिलाफ है। प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से छात्रों की मांगों पर ध्यान देने की अपील की।

हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे

प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि उनकी पार्टी 7 जनवरी को पटना हाईकोर्ट में बीपीएससी परीक्षा की अनियमितताओं के खिलाफ याचिका दायर करेगी। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा, क्योंकि यह छात्रों के न्याय की लड़ाई है।

वैनिटी वैन पर विवाद

प्रदर्शन स्थल पर खड़ी वैनिटी वैन को लेकर विपक्ष ने प्रशांत किशोर पर सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए इसे “एक्टर और प्रोड्यूसर” का मामला बताया। प्रशांत किशोर ने सफाई दी कि वैन का उपयोग सिर्फ निजी सुविधाओं के लिए किया जा रहा है।

परीक्षा रद्द करने की मांग

गौरतलब है कि 13 दिसंबर को हुई बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक और गड़बड़ी के आरोप लगे थे। सरकार ने 12,000 छात्रों के लिए रीएग्जाम आयोजित किया, लेकिन केवल 5,943 छात्र शामिल हुए। प्रदर्शनकारी छात्र परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।