UGC NET New Guidelines: असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हुआ है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 7 जनवरी को इसकी घोषणा की। अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए UGC-NET परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं होगा। यदि उम्मीदवार के पास PhD की डिग्री है, तो वे बिना NET पास किए प्रोफेसर बन सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ विशेष शर्तें भी निर्धारित की गई हैं।

UGC की नई गाइडलाइंस क्या हैं?

केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा जारी UGC (University Grants Commission) की ड्राफ्ट गाइडलाइंस के मुताबिक:

  1. अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए UGC-NET परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
  2. उम्मीदवार को पीजी (Postgraduate) डिग्री के साथ-साथ PhD डिग्री होना अनिवार्य होगा।
  3. इस फैसले का उद्देश्य विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक सरल और सुविधाजनक बनाना है।

क्या-क्या हुआ बदलाव

पहले के नियमों के तहत, 2018 के बाद NET परीक्षा पास करना जरूरी था। हालांकि, अब नए नियमों के अनुसार, उम्मीदवारों को NET परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी, बशर्ते कि उनके पास आवश्यक डिग्रियां और योग्यता हो।

UGC अध्यक्ष का बयान

UGC के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत किया गया है। नए नियमों का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विविध विषयों से सर्वश्रेष्ठ और योग्य उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करना है।

असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की नई योग्यता

  1. 4 साल की UG डिग्री: कम से कम 75% अंक के साथ।
  2. PG डिग्री: 55% अंकों के साथ।
  3. PhD डिग्री: उम्मीदवार के पास PhD होना अनिवार्य है।

इस बदलाव के क्या फायदे होंगे?

  • विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में योग्य उम्मीदवारों की संख्या बढ़ेगी।
  • NET की अनिवार्यता खत्म होने से प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया सरल होगी।
  • यह बदलाव उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा।