बीजापुर। सीआरपीएफ का एक जवान माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से घायल हो गया। जवान को बीजापुर के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
सीआरपीएफ 196 बटालियन की टीम सुबह एरिया डॉमिनेशन पर जंगल की ओर निकली थी। पुलिस ने बताया कि महादेव घाट इलाके में नक्सलियों ने पहले से आईईडी लगाई हुई थी। गश्त के दौरान एक जवान का पैर आईईडी पर पड़ गया, जिससे विस्फोट हो गया। सीआरपीएफ का यह जवान बुरी तरह घायल हो गया है।
इस दौरान बीजापुर घाट के नीचे टीम पर नक्सलियों ने गोलीबारी की, जिसके जवाब में जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की। दोनों तरफ करीबन घंटे भर तक गोलीबारी चली, जिसके बाद नक्सली जंगल का सहारा लेकर भाग खड़े हुए।
नक्सलियों ने किया समर्पण
उधर सुकमा पुलिस के समक्ष 2 महिला समेत 9 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों पर 43 लाख रुपए का ईनाम था। इनमें से एक DVCM, 4 ACM और 4 पार्टी सदस्य के पद पर कम कर रहे थे। ईनाम की बात करें तो 2 पर 8-8 लाख, 4 पर 5-5 लाख, एक महिला नक्सली पर 3 लाख और दो नक्सली पर 2-2 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था। ये सभी बुरकापाल, चिंतागुफा, मिनपा समेत आधा दर्जन नक्सली हमलों में थे शामिल थे। नक्सल प्रभावित इलाकों में खुल रहे कैंप से सुरक्षाबलों को यह बड़ी सफलता मिली है। नियद नेल्लानार योजना से प्रभावित नक्सली लगातार समर्पण कर रहे हैं।
क्या है नियद नेल्लानार योजना?
छत्तीसगढ़ में माओवाद से प्रभावित इलाकों में नागरिकों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई नियद नेल्लानार योजना से लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिले में स्थापित सुरक्षा कैम्पों के आसपास के पांच किलोमीटर की परिधि में ग्रामीणों को राज्य और केन्द्र शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। इस योजना के तहत, इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जाती हैं और युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलते हैं। इससे प्रभावित नक्सली हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आ रहे हैं।