नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर उनके इस बयान को लेकर हमला तेज कर दिया कि भारत की “सच्ची आजादी” राम मंदिर के पवित्रीकरण के दिन स्थापित हुई थी। कांग्रेस ने कहा कि इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें संविधान पर भरोसा नहीं है। विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भागवत का बयान उन लोगों का अपमान है जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और अनगिनत बलिदान दिए।

‘बीजेपी नही RSS की सरकार’

दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय AICC में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने आरएसएस और केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र समेत कई राज्यों में BJP की सरकार है, लेकिन असल मायने में ये RSS की सरकार है। संविधान में न्याय, समानता, लोकतंत्र की रक्षा करने की बात है, लेकिन RSS इन विचारों को नहीं मानती। यही काम BJP भी कर रही है। जिन संस्थाओं पर न्याय, समानता, लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी है, BJP उन्हें अपने इशारों पर चला रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के साथ प्रेस वार्ता में संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहा यह स्पष्ट करता है कि वो संविधान को नहीं मानते हैं। राहुल गांधी ने कल इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर यह बात दुनिया के किसी दूसरे देश में कही गई होती तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुका होता, उसे गिरफ्तार कर लिया गया होता, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।

बघेल ने कहा कि मोहन भागवत और उनके संगठन के लोग संविधान के बारे में समय-समय पर बयान देते रहते हैं इससे स्पष्ट हो जाता है कि वो संविधान को नहीं मानते, संविधान को बदल देना चाहते हैं। उनके सांसदों ने भी कहा कि हम संविधान बदलेंगे। इनको 52 साल लगा तिरंगा को अंगीकार करने में। आरएसएस का इतिहास आप सब जानते हैं कि जब लाखों भारतीय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तो ये उनके भागीदार के रूप काम कर रहे थे।

भूपेश बघेल ने कहा कि ये हिटलर और मुसोलिनी के विचारों को मानने वाले लोग हैं, उस रास्ते पर चलने वाले लोग हैं। यह असहमति को भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। उनको कुचल देना चाहते हैं, दबा देना चाहते हैं, इस विचारधारा के लोग हैं। दरअसल, यह सरकार आरएसएस की सरकार है। क्योंकि संविधान में न्याय की बात है, समानता की बात है, लोकतंत्र की रक्षा करने की बात है, और RSS इन विचारों को मानती नहीं और वही काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार कर रही है। इनके पक्षपाती एजेंडे से देश क्या, दुनिया भली-भांति परिचित हो चुकी है।

‘भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया तो कवासी को गिरफ्तार कर लिया’

पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ़्तारी के मुद्दे पर भूपेश बघेल ने कहा कि 2021 -22 का मामला है और ED कवासी लखमा की आज गिरफ़्तारी कर रही है। उन्होंने कहा कि कवासी लखमा ने विधानसभा के सत्र में अपने इलाके के पुल निर्माण कार्य का मुद्दा उठाया, तब मंत्री ने खुद स्वीकार किया कि यह कार्य अचार संहिता के दौरान बिना टेंडर के ही शुरू कर दिया गया था, बाद में इसका टेंडर निकाला गया। कवासी ने प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार को उठाया, उसके 8 दिन बाद ही ED ने कवासी के यहां छापा मार दिया। उनके घर पर एक पैसा भी नहीं मिला। उन्होंने विष्णु के सुशासन का भ्रष्टाचार उजागर किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

‘केंद्रीय एजेंसियों का हो रहा दुरूपयोग’

भूपेश बघेल ने कहा “अभी राहुल गांधी ने बयान दिया, उसको तोड़-मरोड़ कर ये लोग गलतबयानी कर रहे हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में राज का अर्थ उसके संस्थानों के रूप में परिभाषित की गई है। अब जितने भी जो न्याय, समानता और लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी इन संस्थानों की है, उस पर ये लोग कब्जा कर लिए हैं। जिस प्रकार से ED, IT, CBI का दुरुपयोग हो रहा है। इसलिए राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई इन संगठनों से भी है, स्टेट का मतलब ही यही है। कम से कम RSS और BJP के लोग कांग्रेस के कार्यकर्ताओं-नेताओं को देशभक्ति का पाठ ना पढ़ाएं। हमें ना सिखाएं कि देशभक्ति क्या है।

भूपेश बघेल ने आखिर में कहा कि राहुल गांधी का दृष्टिकोण लोकतांत्रिक है, समावेशी है, न्यायपूर्ण है। ये जो मूल सिद्धांत है, उसको लेकर आगे बढ़ रहे हैं, और इन सिद्धांतों के खिलाफ जो भी होगा, या जो भी रोड़ा अटकाएगा, उसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता राहुल गांधी लड़ाई लड़ते रहेंगे।