टीआरपी डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण संपत्ति मालिकों को 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने इसे गांवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। कार्यक्रम में 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार गांवों को इस योजना से जोड़ा गया।

क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना (SVAMITVA) का उद्देश्य ग्रामीण भारत के संपत्ति मालिकों को उनकी संपत्तियों का स्वामित्व अधिकार प्रदान करना है।
- ड्रोन तकनीक का उपयोग: योजना के तहत ड्रोन की मदद से गांवों का सटीक सर्वेक्षण किया जाता है।
- संपत्ति रिकॉर्ड: इससे ग्रामीण परिवारों को उनकी संपत्तियों का अधिकार रिकॉर्ड दिया जाता है।
- भूमि विवादों में कमी: सटीक स्वामित्व डेटा के कारण भूमि विवादों में उल्लेखनीय कमी आई है।
योजना से ग्रामीण भारत को कैसे फायदा हुआ?
- संपत्तियों का मुद्रीकरण:
ग्रामीण संपत्ति मालिक अब संपत्ति कार्ड के माध्यम से बैंक ऋण प्राप्त कर सकते हैं। - विवादों में कमी:
स्वामित्व योजना से संपत्ति विवाद कम हुए हैं। - आर्थिक प्रगति:
संपत्ति कर का बेहतर मूल्यांकन और संपत्तियों के स्पष्ट रिकॉर्ड ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है। - सशक्तिकरण का मील का पत्थर:
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में गवर्नेंस और सशक्तिकरण को मजबूत करने में सहायक बनी है।
अब तक की प्रगति:
- 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार:
अब तक 1.53 लाख गांवों के लिए संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं। - ड्रोन सर्वेक्षण:
3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया गया, जो लक्षित गांवों का 92% है।
कहां-कहां लागू हो चुकी है योजना?
स्वामित्व योजना पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड, और हरियाणा में पूरी तरह लागू हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी इस योजना की सफलता देखने को मिली है।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य:
प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर की थी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देना और ग्रामीण संपत्तियों का डिजिटलीकरण करना है।