टीआरपी डेस्क। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य के स्टील उद्योगों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने साय सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का ब्योरा प्रस्तुत किया। इस दौरान टीआरपी चीफ एडिटर उचित शर्मा ने छत्तीसगढ़ में मिनी स्टील प्लांट्स के बिजली बिलों के मुद्दे पर सवाल उठाए थे, यह कहते हुए कि राज्य में उद्योगों का बिजली बिल 7.80 रुपये प्रति यूनिट है, जो अन्य प्रतिस्पर्धी राज्यों से अधिक है। कई उद्योग बंद होने की कगार पर हैं, और कुछ भारी नुकसान के कारण मजबूरी में अपने प्लांट चला रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पर जवाब देते हुए कहा था कि सरकार बिजली बिल दरों के मामले को गंभीरता से देख रही है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।
आज की कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने मिनी स्टील प्लांट और स्टील उद्योगों को राहत देने के लिए 1 रुपये प्रति यूनिट की ऊर्जा शुल्क छूट देने का निर्णय लिया। यह छूट 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी।
किन उद्योगों को मिलेगा लाभ?
- जिनका लोड 2.5 एमवीए से अधिक है।
- जिनके पास कैप्टिव पावर प्लांट नहीं हैं या जिनकी क्षमता 1 मेगावाट से कम है।
ज्ञात हो कि राज्य में मिनी स्टील प्लांट का बिजली दर 7.80 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि झारखंड में यह दर 5 रुपये और ओडिशा में 5.60 रुपये प्रति यूनिट है। छत्तीसगढ़, जो कि बिजली उत्पादन के मामले में शीर्ष राज्यों में शामिल है, वहां के उद्योगों को सबसे महंगी बिजली मिल रही है। पिछले छह महीनों से यह स्थिति बनी हुई है, जिससे उद्योगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में स्टील उत्पादन में प्रतिस्पर्धा के बावजूद, स्टील उद्योग फिलहाल घाटे में चल रहे हैं। कुछ प्लांट तो बंद होने की कगार पर हैं और दो प्लांट पहले ही बंद हो चुके हैं। संचालकों का कहना है कि वे बैंक के कर्ज के कारण प्लांट बंद नहीं कर पा रहे हैं, बल्कि घाटे में चलाना मजबूरी बन चुका है।
मिनी स्टील प्लांट के संचालक पिछले छह महीनों से इस मुद्दे पर गुहार लगा रहे थे। उनकी मांग 1.40 रुपये प्रति यूनिट बिजली दर कम करने की थी, लेकिन सरकार ने 1 रुपये प्रति यूनिट की छूट देने का निर्णय लिया।