रायपुर। देश भर में हो रहे साइबर फ्रॉड का एक बार फिर छत्तीसगढ़ से कनेक्शन उजागर हुआ है। यहां राजधानी रायपुर के उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के सौ से अधिक खातों में शेयर ट्रेडिंग, डिजिटल अरेस्ट सहित विभिन्न प्रकार के फ्रॉड से हासिल की गई रकम ट्रांसफर की जा रही थी। इस मामले में जानकारी मिलने पर रेंज सायबर थाने की शिकायत पर सिविल लाइन थाने की पुलिस ने संबंधित खाताधारकों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है।

समन्वय ऑनलाइन पोर्टल से हुआ खुलासा
भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए ‘समन्वय’ नामक पोर्टल तैयार किया है, जो संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा मंच के तौर पर काम कर रहा है। संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल (JCCT) अंतरराज्यीय/संघ शासित प्रदेशों के बीच समन्वय, साइबर अपराधियों के नाम, निवास, मोबाइल नंबर और मामले के विवरण आदि जैसी जानकारी साझा करने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) के कार्यक्षेत्रों में से एक है।
छत्तीसगढ़ के राजधानी स्थित रेंज सायबर थाने को ‘समन्वय’ के जरिये जानकारी मिली कि यहां के शंकर नगर स्थित उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में ऐसे 104 बैंक खाते हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर फ्रॉड के लिए हो रहा है। देशभर में अलग-अलग तरीके से ऑनलाइन फ्रॉड किया जा रहा है। वर्तमान में डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग के नाम पर फ्रॉड के केसेस ज्यादा आ रहे हैं।
‘समन्वय’ की ओर से उन बैंक खातों के नंबर भी उपलब्ध कराये गए हैं, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड के लिए हो रहा है। ऐसे म्यूल बैंक एकाउंट जिसका इस्तेमाल सायबर धोखाधड़ी से प्राप्त राशि का व्ययन करने, उपयोग करने व संवर्धन करने के लिए उपयोग में लाया गया है। इस सूचना के बाद रेंज साइबर थाना सक्रिय हुआ। जानकारी मिली है कि उत्कर्ष स्माल फायनेंस बैंक शाखा रायपुर के IFSC CODE UTKS0001400 में कुल 104 बैंक खातों में सायबर धोखाधड़ी से प्राप्त धन राशि 36,48,448/- रूपयों का जमा होना पाया गया। साथ ही सायबर धोखाधड़ी से प्राप्त धन राशि का उपयोग बैंक खाता धारकों / संवर्धक के द्वारा किया गया है।

खाताधारकों पर शिकंजा कसेगी पुलिस
साइबर रेंज थाने द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर सिविल लाइन थाने में सभी 104 खाता धारकों के खिलाफ धारा 317(2), 317(4) ,317 (5) , 111 ,3(5) बी एन एस का अपराध घटित होना पाये जाने पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। पुलिस ने FIR में उल्लेख किया है कि खाताधारकों ने यह जानते हुए भी कि उनके खाते में डाली गई रकम धोखाधड़ी से हासिल की गई है, उस रकम का इस्तेमाल किया है। इनके खिलाफ पुलिस द्वारा जांच करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
बैंक प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध
बता दें कि ऐसे ही कई मामले दुर्ग-भिलाई में सामने आये हैं, जिनमें कुछ बैंकों के अनेक खातों में लाखों रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है। पुलिस ने इन खातों के धारकों के खिलाफ भी FIR दर्ज किया है। पुलिस को आशंका है कि ऐसे खाते खुलवाने में बैंक प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों – कर्मचारियों की भूमिका हो सकती है। यही आशंका राजधानी के उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रबंधन के ऊपर जताई जा रही है। बहरहाल इस मामले में FIR दर्ज करने के बाद जल्द ही बड़े खुलासे होंगे, ऐसी उम्मीद की जा रही है।