रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर सेंट्रल जेल में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव से मुलाकात की। कवासी लखमा शराब घोटाले के मामले में जबकि देवेंद्र यादव बलौदाबाजार हिंसा मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

मुलाकात के बाद भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, तानाशाह सरकार जनहित और अधिकार के लिए उठने वाली आवाजों को षड्यंत्र कर खामोश करना चाहती है। लेकिन अंततः विजय सत्य की होगी।
शराब घोटाले में लखमा 4 फरवरी तक जेल में
कवासी लखमा को 21 जनवरी को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया, जहां वे 4 फरवरी तक रहेंगे। ईडी ने कोर्ट में दलील दी कि लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी का आरोप: लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा
ईडी के मुताबिक, लखमा शराब सिंडिकेट के अहम सदस्य हैं और उनके निर्देश पर सिंडिकेट काम करता था। ईडी ने यह भी कहा कि लखमा ने शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके तहत छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस लागू हुआ। लखमा को आबकारी विभाग में घोटाले की जानकारी होने के बावजूद रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप भी लगाया गया है।
देवेंद्र यादव भी न्यायिक हिरासत में
भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद हैं। पूर्व सीएम ने उनसे भी मुलाकात कर उनकी स्थिति का जायजा लिया।
भूपेश बघेल ने दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद इसे तानाशाही शासन का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकार और जनहित की आवाज को दबाने के लिए षड्यंत्र कर रही है।