रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग और राइस मिलर्स से अवैध वसूली के मामले में फंसे नागरिक आपूर्ति निगम के विशेष सचिव और मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज कुमार सोनी की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि मामले की गंभीरता और आरोपी की भूमिका को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं होगा।

क्या है मामला?
मनोज कुमार सोनी, जो 2014 से छत्तीसगढ़ सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे, पर राइस मिलर्स से लेवी वसूली और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप हैं। नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड के एमडी के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कथित तौर पर अवैध वसूली की।
जुलाई 2023 में आयकर विभाग ने उनके निवास पर छापा मारा, जहां से 1.05 लाख रुपये नगद, तीन सोने के सिक्के, और 1.21 लाख रुपये से अधिक के गहने जब्त किए गए। इसके बाद ईओडब्ल्यू और ईडी ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया। 30 अप्रैल 2024 को उनकी गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल भेजा गया।
कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध दस्तावेज और सबूत साफ तौर पर उनकी अपराध में मुख्य भूमिका की ओर इशारा करते हैं। राइस मिलर्स से वसूली गई धनराशि का कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किया गया।
मनोज कुमार सोनी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर नियमित जमानत की याचिका दाखिल की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि हिरासत में उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। अपराध की गंभीरता और प्रकृति को देखते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई।