टीआरपी डेस्क। मध्य प्रदेश के महेश्वर में शुक्रवार (24 जनवरी) को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर हुई इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक का मुख्य आकर्षण एमपी के 18 धार्मिक नगरों में शराबबंदी पर मुहर लगाना रहा। इन नगरों में शराब की दुकानें न सिर्फ बंद की जाएंगी, बल्कि इन्हें अन्यत्र शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा।

मां नर्मदा की पूजा के साथ शुरुआत
कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अहिल्या घाट पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंत्रिमंडल ने बैठक में भाग लिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है।
18 धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू
बैठक में मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि जिन स्थानों पर भगवान राम और कृष्ण ने अपने कदम रखे, उन 18 धार्मिक नगरों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, महेश्वर, मंदसौर, दतिया, और अमरकंटक जैसे पवित्र शहर शामिल हैं।
नई आबकारी नीति पर चर्चा
शराबबंदी से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए सरकार नई आबकारी नीति लाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीतियों का उद्देश्य केवल राजस्व बढ़ाना नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार करना है। इस नीति को तैयार करने में सामाजिक संगठनों और संत समाज की राय को भी शामिल किया गया है।
अहिल्याबाई की विरासत को संरक्षित करने का प्रयास
देवी अहिल्याबाई होलकर की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके योगदान को याद किया और महेश्वर को धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजनाओं पर चर्चा की। बैठक के दौरान महू में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के लिए 25 करोड़ रुपए के फंड आवंटन की घोषणा भी की गई।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल ने अहिल्या किला स्थित राजगादी के दर्शन किए और राजवाड़ा में फोटो सेशन कराया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री मंडलेश्वर जाकर आम सभा को संबोधित करेंगे और जानापाव उद्वहन सिंचाई योजना का शिलान्यास करेंगे।