रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (CGMSC) में हुए अरबों के घोटाले में छापेमारी के बाद EOW-ACB ने मोक्षित कॉरपोरेशन कंपनी के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। चोपड़ा को रिमांड के लिए एसीबी की विशेष कोर्ट में पेश किया गया।

EOW-ACB ने एक दिन पूर्व ही CGMSC में हुए घोटाले के सभी आरोपियों के यहां छापेमारी की थी। इनमें सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर छापामार कार्यवाही की थी। इस दौरान शशांक चोपड़ा, सिद्धार्थ चोपड़ा और उनके भाइयों के ठिकानों पर भी दबिश दी गई थी।

कोर्ट से 4 फरवरी तक मिली रिमांड

EOW-ACB ने छापे के बाद मोक्षित कॉरपोरेशन कंपनी के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर लिया और उसे आज विशेष अदालत में पेश करते हुए उसका रिमांड मांगा। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने शशांक को 4 फरवरी तक की रिमांड पर EOW-ACB के सुपुर्द कर दिया है।

जानिए, क्या था मामला..

CGMSC में हुए घोटाले का खुलासा CAG की ऑडिट में हुआ था।
इसमें मोक्षित कॉरपोरेशन और कुछ अन्य फर्म के जरिए प्रदेश में बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो पता चला कि CGMSC के अमले ने मिलीभगत करके बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी कर ली। ऑडिट में पाया गया कि जहां आवश्यकता नहीं थी उन अस्पतालों में भी रीजेंट सहित कई अन्य सामानों की सप्लाई करवाई गई। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी।

EOW ने इस मामले में फिलहाल एक ही गिरफ्तारी की है। माना जा रहा है कि इस महाघोटाले में शामिल रहे CGMSC के अफसरों और अन्य सप्लायर्स पर भी शिकंजा कसेगा।