सिंहस्थ 2028: प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ की दुखद घटना से सीख लेते हुए, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने सिंहस्थ 2028 में अव्यवस्था रोकने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव को सुझाव पत्र भेजा है। पत्र में VIP और VVIP एंट्री पर रोक लगाने और अखाड़ों की पेशवाई बंद करने की मांग की गई है।


भीड़ और भगदड़ के कारण
पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि सिंहस्थ में रामघाट को मुख्य स्नान स्थल माना जाता है, जिसके चलते श्रद्धालु वहीं स्नान के लिए उमड़ते हैं। 13 अखाड़ों के वैभव प्रदर्शन और पेशवाई के कारण स्नान के समय आम श्रद्धालुओं को रोका जाता है, जिससे घाटों पर भीड़ जमा हो जाती है और भगदड़ की स्थिति बनती है।
सरकार को दिया ये सुझाव
- अखाड़ों की पेशवाई बंद हो: साधु-संत बिना अनुयायियों और यजमानों के सीधे स्नान करें।
- 13 अखाड़ों के लिए अलग-अलग स्नान स्थल निर्धारित किए जाएं।
- रामघाट पर सर्वप्रथम चारों शंकराचार्यों को स्नान की अनुमति दी जाए।
- VIP और VVIP को कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति न दी जाए।
- स्नान के बाद ही आम श्रद्धालुओं के लिए घाट खोले जाएं।
सरकार से अपील
महेश पुजारी ने कहा कि यदि सरकार इन सुझावों को लागू करती है, तो सिंहस्थ 2028 में किसी भी प्रकार की भगदड़ या अव्यवस्था नहीं होगी। सरकार से अपेक्षा है कि सभी श्रद्धालुओं को समान अवसर मिले और सिंहस्थ महाकुंभ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।