Guillain-Barre Syndrome

पुणे। Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानी GBS के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब तक 170 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है, जिनमें से 132 मामलों की पुष्टि GBS के रूप में हुई है।

इनमें 62 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है, 61 आईसीयू में हैं, और 20 वेंटिलेटर पर हैं। अब तक जीबीएस के पुणे नगर निगम से 33 मरीज, पीएमसी क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से 86, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम से 22, पुणे ग्रामीण से 21 और अन्य जिलों से 08 मरीज हैं।

Guillain-Barre Syndrome: क्या है सिमटॉम्स

GBS एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से परिधीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है।ससे कमजोरी, सुन्नता और गंभीर मामलों में लकवा हो सकता है। अगर हम इसके लक्षण की बात करें, तो पैरों से शुरू होने वाली कमजोरी और झुनझुनी चलने में कठिनाई स्वायत्त शिथिलता (अनियमित हृदय गति, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव) गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई जैसे सिमटॉम्स शामिल हैं।

Guillain-Barre Syndrome: कारण और उपचार

GBS के सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं हैं, लेकिन यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों के बाद उत्पन्न हो सकता है। अगर हम इसके उपचार के बारे में बात करें, तो GBS का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, लेकिन हॉस्पिटल का उपचार लक्षणों को बेहतर बनाने और बीमारी की अवधि को कम करने में मदद कर सकता है।

इस बीमारी का पता चलने पर रोगियों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है, जहां उनकी गहरी निगरानी की जाती है। सांस लेने में कठिनाई होने पर, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जाता है। प्लाज्मा एक्सचेंज या इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी जैसी इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जाता है।

Guillain-Barre Syndrome: सावधानियां

GBS के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करें और स्वच्छता बनाए रखें। स्वास्थ्य विभाग GBS के मामलों की जांच कर रहा है और आवश्यक कदम उठा रहा है। नागरिकों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।