रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को नान घोटाले में हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की सिंगल बेंच ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह फैसला 10 दिसंबर को हुई अंतिम सुनवाई के बाद अब लिया गया है।

इससे पहले, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू)-एसीबी की विशेष कोर्ट ने भी सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए इसे अत्यंत गंभीर मामला करार दिया था। इसके बाद, वर्मा ने इस कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुरी के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
ईओडब्ल्यू ने नान घोटाले में डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, सतीश चंद्र वर्मा और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। एफआईआर के अनुसार, डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने सतीश चंद्र वर्मा से पद का दुरुपयोग करते हुए लाभ लिया और उन्हें गलत तरीके से लोक कर्तव्य को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद, तीनों ने मिलकर ईओडब्ल्यू के अधिकारियों से प्रक्रियात्मक दस्तावेजों और विभागीय जानकारी में बदलाव करवा कर नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ 2015 में दर्ज एक मामले में अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की थी, ताकि वे हाई कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत को सही ठहरा सकें।