नई दिल्ली। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने टोल टैक्स और फास्टैग के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मकसद टोल टैक्स वसूली को आसान बनाना और टोल बूथ पर ट्रैफिक को स्मूद बनाना है। ये नियम 17 फरवरी, 2025 से लागू हो जाएंगे।

क्या है फास्टैग ?

फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक स्टिकर है, जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप लगी होती है। इसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है। यह वाहन चालक के बैंक खाते या फास्टैग वॉलेट से अटैच्ड होता है। फास्टैग की मदद से टोल प्लाजा पर बिना रुके टोल शुल्क का भुगतान किया जाता है, जिससे समय और ईंधन की बचत होती है।

फास्टैग का नया वेलिडेशन नियम

NPCI ने पिछले महीने इन नियमों से जुड़ा सर्कुलेशन जारी किया। नए नए नियमों के मुताबिक, अगर फास्टैग रीड होने से एक घंटे पहले तक या रीड होने के 10 मिनट बाद तक ब्लैक लिस्टेड रहता है तो आपकी पेमेंट टोल कलेक्शन के दौरान फेल हो जाएगी। इसके अलावा, अगर फास्टैग बैलेंस कम है या फास्टैग किन्हीं कारणों से ब्लॉक है तो भी ट्रांजैक्शन रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इन नियमों की अनदेखी करने पर वाहन मालिक से जुर्माने के रूप में दोगुना टोल शुल्क लिया जाएगा।

कैसे ठीक होगा

आपका FASTag अगर ब्लैकलिस्टेड है तो उसे ठीक करने के लिए आपके पास कुल 70 मिनट का समय होगा। आप चाहे कम बैलेंस की वजह से, केवाईसी अपडेट न होने की वजह से या रजिस्ट्रेशन नंबर में गड़बड़ी की वजह से ब्लैकलिस्ट हुए हों, आपके पास 70 मिनट का समय होगा। रिचार्ज करते ही आपका फास्टैग एक्टिव हो जाएगा। हालांकि, यहां एक बात जान लें कि टोल प्लाजा पर इस जानकारी को अपडेट होने में 20 मिनट तक लग सकते हैं।

नए नियमों से यूजर्स को क्या फायदा होगा?

इन नए नियमों से यूजर्स को टोल प्लाजा पर कम समय लगेगा और ट्रैफिक की आवाजाही बेहतर होगी। इसके अलावा, यूजर्स को अपने फास्टैग की स्थिति की जानकारी मिलेगी और वे अपने फास्टैग को समय पर रिचार्ज कर पाएंगे।

फास्टैग कब ब्लैक लिस्टेड हो सकता है?

फास्टैग तब ब्लैक लिस्टेड हो सकता है जब:

– फास्टैग रीड होने से एक घंटे पहले तक या रीड होने के 10 मिनट बाद तक ब्लैक लिस्टेड रहता है।
– फास्टैग बैलेंस कम है।
– फास्टैग किन्हीं कारणों से ब्लॉक है।