ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में बालक शिवाय अपहरणकांड के मुख्य आरोपी भोला गुर्जर को पुलिस ने आज शार्ट एनकांउटर के बाद जिले के तिघरा रोड से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गिरफ्त में आये बदमाश भोला ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक करोड़ रुपए की फिरौती वसूलने के लिए शिवाय का अपहरण किया था।


कुछ घंटे पहले ही एसआईटी ने दो अन्य आरोपी मोनू गुर्जर और भूरा गुर्जर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों का जुलूस निकालकर घटनास्थल का निरीक्षण कराया। आरोपियों को पुलिस सात नंबर चैराहे के पास स्थित सीपी कॉलोनी तक ले गई और उनका जुलूस निकालकर घटनास्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया। इस मामले में अब भी दो आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस तलाश कर रही है।

अपहरण कांड में 7 आरोपी शामिल
दोनों आरोपियों से पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पता चला है कि कुल 07 लोगों ने मिलकर शिवाय अपहरण कांड को अंजाम दिया था। मोनू गुर्जर और भूरा गुर्जर शिवाय की रैकी करने, अपराध का षड्यंत्र रचने के साथ शिवाय को घर में छिपा कर रखने में शामिल रहे। पुलिस बाइक से शिवाय का अपहरण करने वाले मुख्य आरोपी भोला गुर्जर और राहुल कंसाना के साथ उनके साथी धम्मू गुर्जर की पुलिस तलाश कर रही थी। इस बीच आज ही भोला गुर्जर भी शार्ट एनकाउंटर में पकड़ा गया।
अपहर्ताओं के पीड़ित से थे पारिवारिक संबंध
पुलिस सूत्रों के अनुसार अभी तक इस अपहरण कांड से जुड़े चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं, जबकि तीन नामजद और आरोपियों की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। अपहरण की साजिश बच्चों के मामा और मौसी के परिवार से जुड़े हुए लोगों ने रची थी। आरोपी न केवल परिवार के आर्थिक स्थिति से वाकिफ थे बल्कि उन्होंने सोच समझकर शिवाय गुप्ता का अपहरण करवाया था। उनकी प्लानिंग थी कि अपहरण कर फिरौती की मांग करेंगे। पारिवारिक संबंध होने के कारण जब भी पीड़ित परिवार पर कोई संकट आया तो उसने इन्हीं आरोपियों से मदद मांगी थी। मोनू गुर्जर अपहरणकांड की अहम कड़ी बताया जा रहा है।

मोनू ही जानता था शिवाय के मामा को
साजिश में शामिल शिवाय के मामा अरुण गोयल से मोनू के कारोबारी ताल्लुक और पुलिस की गोली से घायल अपहरणकर्ता राहुल गुर्जर का रिश्ता भी सामने आया है। पुलिस को इनपुट मिला है शिवाय को अगवा करने की साजिश में मोनू शामिल है। अरुण गोयल से नजदीकी होने की वजह से उसे शिवाय के परिवार की माली हालत की पूरी जानकारी थी। अपहरणकर्ताओं ने उसके इशारे पर ही सीपी कॉलोनी से शिवाय को अगवा करने की हिम्मत की।

अपहरण से पहले कई बार की रिहर्सल
पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वह पिछले दो माह से अपहरण की योजना बना रहे थे। करीब एक दर्जन से ज्यादा बार अपहरण की रिहर्सल भी कर चुके थे। इस दौरान प्लानिंग में जो कमी आई, उसे पूरा कर फुल प्रूफ योजना तैयार की थी। लेकिन ग्वालियर पुलिस पीछा करते हुए मुरैना तक आ गई। इससे पूरा प्लान बिगड़ गया। फिरौती मांगने के लिए भी शिवाय के मामा को चुना गया था। जिससे इसकी भनक पुलिस को ना लगे। लेकिन आरोपी बारह घंटे भी पकड़ को संभाल नहीं पाए और उसे छोड़ कर भागना पड़ा। उनका मानना था कि पकड़ (बच्चे) छोड़ने पर पुलिस शांत हो जाएगी। पड़ जाएगी और वह सुरक्षित बच जाएंगे, लेकिन पुलिस लगातार लगी रही और वह पकड़े गए।
यह है मामला
बच्चे शिवाय को उसकी मां घर से स्कूल वैन तक छोड़ने जा रही थी। इस दौरान घर के बाहर आए बाइक सवार दो बदमाशों ने मां की आंखों में मिर्ची झोंकी और बच्चे शिवाय को छीन कर भाग निकले। अपहरण की यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। किडनैप हुआ 7 वर्षीय शिवाय को पुलिस ने मुरैना जिले से उसी रात में सकुशल बरामद कर लिया था। जिन बदमाशों ने शिवाय का अपहरण किया था, वो पुलिस के दबाव के कारण बच्चे को मुरैना में छोड़कर फरार हो गए थे।

रिक्शेवाले ने दी थी जानकारी
पुलिस का दावा है कि अपहरणकर्ता जिले के काजी बसई गांव में एक ईंट-भट्टे के पास बच्चे को छोड़कर भाग गए थे. इस दौरान एक रिक्शेवाले ने बच्चे को रोते हुए देखा. रिक्शेवाले ने बच्चे को पहचान लिया और उसे अपने साथ बैठाकर अपने गांव के सरपंच के घर ले गया. इसके बाद सरपंच ने पुलिस को सूचना दी. वहीं जब शिवाय अपने घर पहुंचा तो ग्वालियर स्थित मुरार कॉलोनी में भारी भीड़ उमड़ पड़ी और लोग पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. साथ ही जमकर आतिशबाजी भी हुई.
