नेशलन डेस्क, टीआरपी। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ, अश्लीलता और अभद्र सामग्री की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। इस संदर्भ में, केंद्र सरकार मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की जगह डिजिटल इंडिया बिल लाने की तैयारी में हैं। डिजिटल इंडिया का उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है।

सोशल मीडिया, यूट्यूब और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता और अभद्र सामग्री पर नियंत्रण स्थापित करना इस बिल का मुख्य उद्देश्य है। इस नए कानून के तहत, यू-ट्यूबर्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को रेगुलेट करने के प्रावधान होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने इंडियाज़ गॉट लैटेंट शो से जुड़े विवाद के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लीलता और अभद्र कंटेंट पर चिंता जाहिर की है। अदालत ने केंद्र सरकार से इस विषय पर जवाब मांगा है, जिससे संकेत मिलता है कि भविष्य में ऑनलाइन कंटेंट के लिए सख्त नियम बनाए जा सकते हैं।
यू-ट्यूबर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का रेगुलेशनः नए कानून में यू-ट्यूबर्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को रेगुलेट करने के प्रावधान होंगे, जिससे अश्लीलता पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
अश्लीलता पर नियंत्रणः इस बिल के माध्यम से, सरकार सोशल मीडिया पर अश्लीलता और अभद्र सामग्री पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
समाज पर प्रभाव
डिजिटल इंडिया बिल के लागू होने से, सोशल मीडिया पर अश्लीलता पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित होगा, जिससे समाज में नैतिकता और संस्कृति की रक्षा होगी। यह कदम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जिम्मेदार कंटेंट क्रिएशन को प्रोत्साहित करेगा और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित ऑनलाइन स्पेस प्रदान करेगा।