नेशनल डेस्क। भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 119 मोबाइल ऐप्स को बैन करने का आदेश दिया है। इनमें से ज्यादातर ऐप्स चीन और हॉन्ग कॉन्ग से जुड़े हैं, हालांकि, कुछ अन्य देशों जैसे सिंगापुर, अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया के ऐप्स भी इस सूची में शामिल हैं।

यह आदेश भारत सरकार के IT Act के सेक्शन 69A के तहत जारी किया गया है, जो सरकार को ऑनलाइन कंटेंट ब्लॉक करने का अधिकार देता है। इस आदेश के बाद प्रभावित ऐप डेवलपर्स ने चिंता जताई है कि इससे उनका व्यवसाय और भारतीय यूज़र्स दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

भारत सरकार ने पहले भी बैन किए थे कुछ ऐप्प

इन 119 ऐप्स में प्रमुख रूप से चीन और हॉन्ग कॉन्ग से जुड़े ऐप्स शामिल हैं, जिनमें वीडियो और वॉयस चैट ऐप्स प्रमुख हैं। इनमें ChillChat (सिंगापुर), Blom (चीन), और HoneyCam (ऑस्ट्रेलिया) जैसे ऐप्स शामिल हैं। इनमें से कुछ ऐप्स पहले भी भारत सरकार के द्वारा बैन किए गए थे, खासकर तब जब भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ा था। हालांकि, इस बार बैन किए गए ऐप्स में सिंगापुर, अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया के ऐप्स भी शामिल हैं, जिससे यह साफ होता है कि सरकार का कदम केवल चीन तक सीमित नहीं है।

ऐप डेवलपर्स की चिंता

सरकार के इस फैसले से प्रभावित ऐप डेवलपर्स ने अपनी चिंता जाहिर की है। कुछ कंपनियों का कहना है कि इससे न सिर्फ उनके व्यवसाय को नुकसान होगा, बल्कि भारतीय यूज़र्स को भी दिक्कत होगी।

ChillChat (सिंगापुर की कंपनी) ने कहा कि उनका ऐप भारत में लाखों लोग इस्तेमाल करते हैं, और इसे ब्लॉक करना यूज़र्स के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कंपनी ने सरकार से बातचीत करने की इच्छा जताई है।

Blom (चीन की कंपनी) ने कहा कि इस फैसले से उनके नए यूज़र्स की ग्रोथ रुक जाएगी और मौजूदा यूज़र्स का एक्सपीरियंस भी प्रभावित होगा।

HoneyCam (ऑस्ट्रेलिया की कंपनी) ने भारत को एक महत्वपूर्ण मार्केट बताया और कहा कि वे सभी नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं।

सरकार का फैसला और कानूनी पहलू

भारत सरकार के इस फैसले को IT Act के सेक्शन 69A के तहत लिया गया है, जो सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और पब्लिक ऑर्डर के मद्देनजर ऑनलाइन कंटेंट को ब्लॉक करने का अधिकार देता है। इस आदेश के बाद, Google ने कहा कि यह ब्लॉकिंग Lumen Database में दर्ज की गई थी, जो सरकारों और अन्य संस्थाओं द्वारा कंटेंट रिमूवल रिक्वेस्ट को ट्रैक करता है। हालांकि, बाद में यह लिस्ट डिलीट कर दी गई थी।

फिलहाल, सरकार ने 119 ऐप्स में से केवल 15 ऐप्स को ही ब्लॉक किया है, जबकि बाकी 104 ऐप्स अभी भी गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं। Google की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि बाकी ऐप्स को कब तक हटाया जाएगा। इसके अलावा, यह भी पता नहीं चला है कि ब्लॉकिंग में हो रही देरी तकनीकी कारणों से है या कानूनी प्रक्रिया की वजह से। IT मंत्रालय ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि स्थिति जल्द साफ हो जाएगी।