रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने बिजली कटौती और जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर जोरदार हंगामा किया। विपक्षी दलों ने बिजली कटौती पर स्थगन प्रस्ताव की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया।

बिजली कटौती पर विपक्ष का आक्रोश

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में बिजली कटौती का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूरे प्रदेश के किसान इससे परेशान हैं। उनके साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, विधायक उमेश पटेल और द्वारिकाधीश यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और सदन की कार्रवाई रोककर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की।

लोफंदी में जहरीली शराब से मौत का मामला गूंजा

विधानसभा में बिलासपुर के लोफंदी गांव में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों का मामला भी छाया रहा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। विभागीय मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कुछ दिनों में 6 लोगों की असमय मौत की सूचना मिली थी, लेकिन पुलिस के पास सूचना पहुंचने से पहले ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था। ग्रामीणों ने इसे आकस्मिक मृत्यु बताया है।

सरकार पर विपक्ष का हमला, वाकआउट

विपक्षी सदस्यों ने जहरीली शराब से मौतों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। चरणदास महंत ने कहा, “शराब पीकर लोग मर रहे हैं, सरकार इस सच्चाई को स्वीकार क्यों नहीं करती? आबकारी विभाग सोता रहता है, पुलिस को हम जगाते हैं और फिर पुलिस वाले आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर पी लेते हैं।”
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया।

20 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

इस सत्र में 20 हजार करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। विपक्ष की ओर से विधायक उमेश पटेल ने चर्चा की शुरुआत की। अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए 3 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।

सरकार और विपक्ष आमने-सामने

इस सत्र में बिजली कटौती, शराब से मौत और अनुपूरक बजट को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष ने सरकार पर बिजली संकट और कानून-व्यवस्था में विफल रहने का आरोप लगाया, वहीं सरकार ने जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।