रायपुर। बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखनलाल में वित्तीय कारणों से बंद उद्योग को लेकर गरमा गरम बहस हुई। महंत ने कहा, मैंने मंत्री जी से पूछा कि जनवरी 2024 से 25 तक कितने उत्पादन कार्य बंद हुए। जिसमें पांच उत्पादन कार्य बंद हुए, 274 लोगों को सेवा से अलग किया गया। राजनांदगांव में उत्पादन केंद्र बंद किया। उद्योग मंत्री से सवाल है कि खनिज से संबंधित एक जिले के पांच उत्पादन कार्य बंद हुए, सभी वित्तीय कार्यों से बंद हुए। महंत ने पूछा, इन लोगों को आपने सहयोग क्यों नहीं किया।

मंत्री लखनलाल ने जवाब देते हुए कहा उद्योग विभाग के अनुसार जो सब्सिडी दी जाती है वो दी गई है। पांचों को ब्याज अनुदान में 75 लाख 31 हजार और स्थायी पूंजी में 60 लाख की सहायता दी गई। अपने 2023 में भी कांग्रेस के शासन काल में 18 उद्योग बंद हुए। रमन सिंह के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में पांच साल में 27 उद्योग बंद हुए, किसी का उद्योग नहीं चल पाता है तो बंद कर देते हैं।
महंत ने कहा- मंत्री जी घबरा रहे हैं
महंत ने कहा मंत्री जी घबरा रहे हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती हम मना रहे हैं। पंडरिया में शक्कर कारखाना खोला गया जो 18 फरवरी को बंद हुआ, क्योंकि आपने गन्ना उत्पादकों को पैसे नहीं दिए। भौरमदेव शक्कर कारखाना 26 जनवरी से बंद, बालोद का शक्कर कारखाना बंद।
महंत ने कहा, हमारी सरकार ने मक्का से एथेनॉल बनाने का कारखाना तैयार किया लेकिन वो भी नहीं बना। सूरजपुर में शक्कर कारखाना बंद। हमारी सरकार में ये व्यवस्था की गई थी कि गन्ना किसानों को फंड दिया जाए और उन्हें कोई कठिनाई ना हो। महंत ने मंत्री को घेरते हुए सवाल किया कि लगातार आप उद्योग बंद करेंगे तो नई औद्योगिक नीति क्यों बना रहे हैं।
मंत्री लखनलाल ने जवाब दिया कि नेता प्रतिपक्ष जी अलग प्रश्न पूछ रहे हैं। महंत ने कहा क्या एक भी मिनी स्टील प्लांट खुला है। मंत्री ने जवाब दिया कि एक भी स्टील प्लांट नहीं खुला है. महंत ने पूछा मिनी स्टील प्लांट के जो जो उद्योग बंद हुए तो क्या प्रभावितों को मुआवजा दिया गया है। मंत्री ने कहा कि मुआवजा नहीं दिया गया है। नया उद्योग खुलने पर उन्हें दिया जाएगा, मंत्री ने कहा श्रम विभाग के नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।