CG Assembly Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन राजस्व प्रकरणों के लटकने का मुद्दा जोर-शोर से उठा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने ध्यानाकर्षण के जरिए इस विषय को सदन में रखा और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से जवाब मांगा।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भुइयां पोर्टल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि “लगता है किसानों को परेशान करने के लिए ही यह पोर्टल बनाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 35% डेटा की गलत एंट्री की गई है, जिससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मंत्री ने दिया जवाब
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि भू-अभिलेख में त्रुटि सुधार का अधिकार एसडीएम और तहसीलदार के पास है। पूर्व सरकार के दौरान इसे केवल एसडीएम तक सीमित कर दिया गया था, लेकिन अब संशोधन के बाद तहसीलदार को भी यह अधिकार दिया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन अपनी जमीन की जानकारी देख सकता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
लंबित राजस्व प्रकरणों पर भी हंगामा
विधानसभा में यह मुद्दा और गरमा गया जब अजय चंद्राकर ने यह सवाल उठाया कि राज्य में 1,49,479 राजस्व प्रकरण लंबित हैं। उन्होंने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के पालन न होने पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या इस कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई है?
इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब दिया कि बजट सत्र के बाद “राजस्व पखवाड़ा” चलाया जाएगा, जिसमें लंबित मामलों की सुनवाई होगी।
भुइयां पोर्टल की त्रुटियों पर बहस
अजय चंद्राकर ने सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा कि भुइयां पोर्टल में होने वाली त्रुटियों को कौन ठीक करेगा?” इस पर मंत्री ने बताया कि इस पोर्टल का संचालन एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) द्वारा किया जाता है और त्रुटि सुधार के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त हैं।