महासमुंद। जिले में आज संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ट्रैक्टर रैली निकाली और कलेक्ट्रेट का घेराव करने के लिए खैरझिती से रवाना हुए। लेकिन प्रशासन ने उन्हें तुमगांव चौक पर ही रोक दिया, जिससे गुस्साए किसानों ने चक्का जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने नदीमोड़ और तुमगांव में सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर लिया।

12 सूत्रीय मांगों को लेकर उतरे थे किसान
किसानों ने अपनी फसलों के समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दिलाने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उनकी मुख्य मांगों में शामिल थीं।

- करणी कृपा उद्योग के अवैधानिक कार्यों पर रोक
- औद्योगिक प्रदूषण से राहत
- शासकीय एवं कृषि योग्य भूमि का संरक्षण
- आदिवासी एवं किसानों की भूमि पर जबरन कब्जे की जांच
- नेशनल हाईवे, सिंचाई विभाग और छसपा किसान मोर्चा की भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई
किसान इन सभी मुद्दों को लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोककर कार्रवाई की। पुलिस की रोक-टोक के बावजूद किसानों ने घंटों सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया। प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसानों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं सुना गया, तो वे और बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
वहीं इस संबंध में छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा महासमुंद के अनिल दुबे ने कहा कि जैसे ही यह मामला जनदर्शन में आया और किसानों ने कार्यवाही न किए जाने पर आत्मदाह करने की सूचना दी। सीएम विष्णुदेव साय ने बिना जानकारी दिए जनदर्शन ही बंद कर दिया।