नेशनल डेस्क। मोदी सरकार ने बुधवार को कई अहम फैसले लिए है। इसमें उत्तराखंड को एक बड़ी सौगात देते हुए केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब (12.4 किमी) तक रोपवे का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री की पर्वतमाला योजना के तहत स्वीकृत की गई है।

रोपवे से तीर्थयात्रियों को राहत

केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट से यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर मात्र 36 मिनट रह जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत मिलेगी। इस परियोजना की कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसे अत्याधुनिक ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक से विकसित किया जाएगा, जिससे एक बार में 18,000 यात्रियों को लाने-ले जाने की क्षमता होगी।

केदारनाथ यात्रा के दौरान गौरीकुंड से मंदिर तक 16 किमी की कठिन चढ़ाई श्रद्धालुओं के लिए बड़ी चुनौती होती है। अभी तक यात्री इस दूरी को पैदल, टट्टू, पालकी या हेलिकॉप्टर के माध्यम से तय करते हैं। लेकिन इस रोपवे के बनने के बाद यात्रा सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी।

हेमकुंड साहिब जाने वालों को भी मिलेगी सुविधा

हेमकुंड साहिब, उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक पवित्र स्थल है। यहां हर साल लगभग 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। गुरुद्वारा मई से सितंबर तक केवल पांच महीने के लिए खुलता है, और वर्तमान में वहां पहुंचने के लिए गोविंदघाट से 12.4 किमी की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है।

रोपवे बनने के बाद तीर्थयात्रियों को इस चुनौतीपूर्ण यात्रा से राहत मिलेगी और वे अधिक सहजता से दर्शन कर सकेंगे।

पशु स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा कदम

कैबिनेट ने पशु औषधि घटक को शामिल करते हुए पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संशोधन को भी मंजूरी दी है। यह योजना टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के जरिए पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद करेगी।

सरकार के इन फैसलों से न केवल तीर्थयात्रियों को राहत मिलेगी बल्कि उत्तराखंड में पर्यटन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।