रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जल जीवन मिशन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। जहां एक ओर केंद्र सरकार मिशन को तेजी से पूरा करने का दबाव बना रही है, वहीं दूसरी ओर कई ग्रामीण खुद ही इस योजना की जरूरत से इनकार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने सरकार को आवेदन देकर कहा कि उन्हें जल जीवन मिशन की जरूरत नहीं, क्योंकि उनके घरों में पहले से नल की सुविधा है। उनका कहना है कि इससे केवल खुदाई होगी, जिसकी वजह से हमें परेशानी होगी। यह जानकारी विभागीय मंत्री अरुण साव ने सदन में विधायक संदीप साहू के मिशन के तहत कार्यों में देरी को लेकर किए गए सवाल के जवाब में दी।

बजट सत्र के दौरान कसडोल क्षेत्र के कांग्रेस विधायक संदीप साहू ने विधानसभा में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से सवाल किया कि 2021-22 से 31 जनवरी 2025 तक कौन-कौन से कार्य, कितनी लागत राशि से स्वीकृत हुए? अधूरे कार्य का विवरण दें? 118 गांवों का कार्य अब तक अपूर्ण है. 197 से कितने ग्राम जलस्रोत विहीन हैं।

ग्रामीणों की आपत्ति बनी रोड़ा

इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जानकारी दी कि कसडोल विधानसभा में कुल 753 कार्य स्वीकृत हुए थे, जिनमें से 632 पूरे हो चुके हैं। गांव के लोगों ने आवेदन देकर कहा कि हमें जल जीवन मिशन की आवश्यकता नहीं है। हमारे घरों में नल है। इससे केवल खुदाई होगी, जिसकी वजह से हमें परेशानी होगी, जिसकी वजह से यह कार्य आप तक रुका हुआ है।

समय से कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो अधिकारियों पर करेंगे कार्यवाही : अरुण साव

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सड़क के कार्य आधे से ज्यादा पूर्ण हो चुके हैं। जल जीवन स्कीम प्रगति पर है। विधायक ने इस पर सवाल किया कि कितने का जल स्त्रोत विहीन है? उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बताया कि 118 गांवों का कार्य अब तक अपूर्ण है। 197 से कितने ग्राम जलस्रोत विहीन हैं। सोर्स के लिए लगातार हम कार्य कर रहे हैं। विधायक ने कहा कि जानकारी के अनुसार, 118 गांव में कार्य अपूर्ण है, इसमें जिन अधिकारियों ने इस योजना पर कार्य कर रहे हैं, उन अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समय से अगर कार्य नहीं पूर्ण होता है तो अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे।