रायपुर। विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा के साथ-साथ संस्कार एवं भारतीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध प्रदेश के सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों ने स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 15 वर्षों बाद आयोजित की जा रही 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का एक बड़ा निर्णय लिया है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून बनने के पश्चात 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा बंद कर दी गई थी।
केन्द्र सरकार ने विगत दिनों शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन कर 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा फिर से आयोजित करने की अनुमति दे दी है। इस संशोधन के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ सरकार ने विगत दिनों 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा लेने का आदेश जारी कर दिया।
इस निर्णय के विरुद्ध कुछ संस्थाएं हाईकोर्ट गई थी। माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के निजी विद्यालयों को स्कूल शिक्षा विभाग की 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा से मुक्त रखने का आदेश दिया किंतु साथ ही यह भी विकल्प दिया कि इच्छुक निजी विद्यालय चाहे तो 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय का मानना है कि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार का 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करना शालाओं की शैक्षणिक गुणवत्ता एवं विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के क्षेत्र में एक बड़ा निर्णय है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर के सचिव संजय जोशी ने कहा कि परीक्षा तो व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का आधार होती है, इससे पलायन करने से विद्यार्थी कमजोर होंगे। संजय जोशी ने कहा कि परीक्षा तो विद्यार्थियों की मेहनत एवं उनकी शैक्षणिक प्रतिभा का प्रदर्शन है। इसीलिए पूरे उत्साह और आनंद के साथ हम 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा का स्वागत करते हैं। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के विद्यार्थी पूरे आनंद के साथ इस परीक्षा पर्व को मनाएंगे।