नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्‍ट्र के नाम संबोधन में जनता कर्फ्यू का जिक्र करते हुए कहा कि 22 मार्च को पूरे देश की जनता ने इसमें भरपूर योगदान दिया। पीएम ने आज रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है।


पीएम ने कहा कि हर वर्ग के लोगों ने एकजुट होकर जिम्‍मेदारी के साथ इसे सफल बनाया। उन्‍होंने कहा कि कोरोना एक वैश्‍विक महामारी है। इसे फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के क्रम को हमें तोड़ना ही होगा। कुछ लोग इस गलत फहमी में हैं कि सोशल डिस्‍टेंस केवल मरीज के लिए आवश्‍यक है। यह गलत सोच है। यह हर नागरिक के लिए है। यह प्रधानमंत्री के लिए भी है। यह आपके परिवार को, आपके दोस्‍तों को और आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी तकलीफ दे सकता है। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकाना पड़ सकती है। और इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींचिए

मोदी ने कहा. एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी,भारत सरकार की,देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की,सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें। आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कोरोना वायरस की संक्रमण सायकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है। साथियों,आज के फैसले ने,देशव्यापी लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है।

आपको ये याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है, वो संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता। इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए। सोचिए,पहले एक लाख लोग संक्रमित होने में 67 दिन लगे और फिर इसे 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे। ये और भी भयावह है कि दो लाख संक्रमित लोगों से तीन लाख लोगों तक ये बीमारी पहुंचने में सिर्फ चार दिन लगे।

साथियों, यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली-ईरान जैसे देशों में जब कोरोना वायरस ने फैलना शुरू किया, तो हालात बेकाबू हो गए। उपाय क्या है, विकल्प क्या है? साथियों, कोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण, उन देशों से मिले अनुभव हैं जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए।

एक ही मंत्र अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है

मोदी ने कहा.हमें भी ये मानकर चलना चाहिए कि हमारे सामने यही एक मार्ग है- हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए,घर में ही रहना है। भारत आज उस स्टेज पर है जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस बड़ी आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं। ये समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है। साथियों, ये धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में lockdown की स्थिति है, हमें अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है।

प्रधानमंत्री ने जनता से कहा कि उन डॉक्टर्स, उन नर्सेस, पैरा-मेडिकल स्टाफ, pathologists के बारे में सोचिए, जो इस महामारी से एक-एक जीवन को बचाने के लिए, दिन रात अस्पताल में काम कर रहे हैं। आप उन लोगों के लिए प्रार्थना करिए जो आपकी सोसायटी,आपके मोहल्लों,आपकी सड़कों, सार्वजनिक स्थानों को sanitize करने के काम में जुटे हैं,जिससे इस वायरस का नामो-निशान न रहे। कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच। पीएम ने कहा.केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए निरंतर कोशिश कर रही हैं।

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