महासमुंद। ग्राम सिंघनपुर के किसान पूरन निषाद ने अपने खेत के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। बेटे का कहना है कि बिजली कटौती से फसल बर्बाद होने से किसान परेशान था। वहीं पुलिस ने पीएम रिपोर्ट से पहले कुछ भी कहने में असमर्थता जताई है।
पटेवा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिघनपुर में आज सुबह परिजनों ने किसान पूरन निषाद की लाश उसके खेत में लगे नीम के पेड़ में लटकी हुई देखी। इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई। मृतक के बेटे तुलेश्वर निषाद ने बताया कि उसके पिता ने झलप स्थित ग्रामीण सेवा सहकारी बैंक से डेढ़ लाख रूपये का केसीसी कर्ज लिया था। इसके अलावा भी उसने साहूकारों से लगभग डेढ़ लाख का कर्ज लिया था।

बिजली कटौती से बर्बाद हो गए खेत
मृत किसान के बेटे तुलेश्वर निषाद ने बताया कि खेती-बाड़ी की वजह से पिताजी काफी परेशान थे। उन्होंने खेत में बोर खुदवाए थे, एक बोर चल रहा था, लेकिन बिजली कटौती की वजह से पानी का इंतजाम नहीं हो सका और खेत सूख गया। घर पर झगड़े वाली कोई बात नहीं थी। उन्होंने बताया कि छह से आठ घंटे कटौती होती है। ऑपरेटर अगर सो जाता है तो रात भर बिजली गुल रहती है। बिजली कटौती से खेत में लगी खड़ी फसल को हो रहे नुकसान की वजह से पिता ज्यादा परेशान थे।

कांग्रेस नेता ने लगाया ये आरोप
बिजली की समस्या को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता अंकित बागबाहरा ने कहा कि बिजली विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है, जिसे जगाने के लिए हमने बार बार धरना-प्रदर्शन किया था, लेकिन फिर भी बिजली विभाग और जिला प्रशासन ने सही समय पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की। यही वजह है कि किसान पूरन लाल निषाद ने आज अपने ही खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अंकित ने बताया कि पूर्ण ने पहले कई बार उससे बिजली की समस्या को लेकर जिक्र किया था।

कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
वहीं मामले में महासमुंद कलेक्टर विनय कुमार लहंगे ने कहा कि बिजली कटौती के कारण ही किसान ने आत्महत्या किया है यह कहना मुश्किल है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। एसडीएम और थानेदार को जांच के लिए कहा गया है। वही पुलिस ने भी मामले की जांच और पीएम रिपोर्ट के आने तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सकेगा।