बिलासपुर। बस्तर में संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय में राशन आपूर्ति से संबंधित टेंडर प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया। यह रोक उस स्थिति में लगाई गई, जब पहले से एल-वन घोषित आपूर्तिकर्ता के बावजूद नई टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

बस्तर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में राशन और अनाज की खरीदी के लिए विद्यालय प्राचार्य द्वारा 22 जून को निविदा (बिड) जारी की गई थी। इस प्रक्रिया में जगदलपुर के गोलबाजार स्थित शुक्ल एंड कंपनी ने 26 जून को आवेदन के साथ कोटेशन प्रस्तुत किया। नियमानुसार 90 दिनों के भीतर राशन आपूर्ति पूर्ण की जानी थी। न्यूनतम दर (एल-वन) होने के कारण शुक्ल एंड कंपनी को निविदा में सफल घोषित कर दिया गया।

प्राचार्य ने दोबारा जारी कर दिया टेंडर

इसके बावजूद, विद्यालय प्राचार्य ने पुनः बोली आमंत्रित करने के लिए एक नया विज्ञापन जारी कर दिया। इस दौरान, शुक्ल एंड कंपनी ने 5 लाख रुपये मूल्य का राशन एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर ली थी। प्राचार्य के निर्णय को याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

मामले पर सुनवाई के बाद, न्यायालय ने विद्यालय प्राचार्य द्वारा जारी नए विज्ञापन एवं टेंडर प्रक्रिया को विधि-विरुद्ध मानते हुए तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगा दी।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने खारिज किया पिटीशन

हालांकि इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश चंद्र सिन्हा ने पिटीशन को खारिज करते हुए फर्म मे. शुक्ला एंड कंपनी के पक्ष में टेंडर में दिए गए स्टे को हटा दिया। इस मामले में पीएम श्री नवोदय विद्यालय जगदलपुर के अधीक्षक देवेंद्र कुमार ने TRP न्यूज को बताया कि GEM पोर्टल के माध्यम से टेंडर के बाद स्कूल को सप्लाई होने वाले राशन की कीमत काफी ज्यादा हो गई थी, और यह स्कूल के बजट से काफी ज्यादा हो गया था, इसलिए प्रबंधन ने दोबारा टेंडर पेपर में प्रकाशित करवाया, जिसके खिलाफ फर्म मे. शुक्ला एंड कंपनी ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। कोर्ट में प्रबंधन द्वारा अपना पक्ष रखे जाने के बाद टेंडर पर से स्टे हटा लिया गया है।