बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के सुहेला तहसील कार्यालय में एक किसान द्वारा कीटनाशक पीने की घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस ने तहसीलदार कुणाल सरवैया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने की मांग की है। इस मुद्दे की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी के नेतृत्व में सात सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।

कांग्रेस जांच समिति ने अस्पताल में जाना हाल
जांच समिति के सदस्य सोमवार को रायपुर के निजी अस्पताल पहुंचे, जहां किसान हीरालाल साहू का इलाज जारी है। डॉक्टरों ने किसान की हालत गंभीर बताई है और उन्हें आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। पीड़ित परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक एसडीएम और कलेक्टर के अलावा कोई भी अधिकारी हालचाल जानने नहीं आया और न ही कोई आर्थिक सहायता दी गई।
परिजनों के गंभीर आरोप
किसान के पुत्र ने जांच समिति को बताया कि तहसीलदार ने उनके पिता को अपमानजनक शब्दों में फटकारते हुए कहा था, “तुम मंत्री से शिकायत करते हो, कहीं भी चले जाओ, कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता।”
अब तक दर्ज नहीं हुई एफआईआर
जांच दल ने सुहेला तहसील कार्यालय पहुंचकर नव नियुक्त तहसीलदार किशोर कुमार वर्मा और नायब तहसीलदार दिलीप कुमार सामल से जानकारी मांगी। हालांकि, अधिकारियों ने केवल फाइल की कॉपी देने की बात कही, जिससे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व विभाग की रिकॉर्ड व्यवस्था पर सवाल उठाए। इसके बाद जांच समिति ने थाना प्रभारी से तहसीलदार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज करने की मांग की। थाना प्रभारी ने बताया कि मामला पुलिस के संज्ञान में है, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
सरकार पर कांग्रेस का हमला
जांच समिति के संयोजक शैलेश नितिन त्रिवेदी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा। उन्होंने पिछली सरकार के दौरान हुए रामकुमार हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि सुहेला में पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब भी प्रशासन संवेदनशीलता नहीं दिखा रहा है। कांग्रेस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है।