रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित सेक्स सीडी कांड में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बरी होने के फैसले को चुनौती देते हुए CBI ने कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर की है। इस पर सुनवाई 4 अप्रैल को राजधानी रायपुर की अदालत में होगी।

भूपेश बघेल को सभी आरोपों से मिली थी राहत
इस मामले की सात साल तक चली सुनवाई के बाद, 4 मार्च को CBI की स्पेशल कोर्ट ने भूपेश बघेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई ठोस आधार नहीं है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने बघेल के बचाव में दलीलें पेश की थीं और दावा किया था कि बघेल को झूठे मामले में फंसाया गया था।
CBI का दावा- सीडी बनाने के लिए हुई थी 75 लाख में डील
CBI ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सेक्स सीडी तैयार करने के लिए 75 लाख रुपये की डील हुई थी। इसी आधार पर उन्होंने कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।
मुख्य आरोपी और केस की स्थिति
इस मामले में मुख्य आरोपी कैलाश मुरारका, विनोद वर्मा, विजय भाटिया और विजय पांड्या हैं। रिंकू खनूजा, जिनका नाम भी आरोपियों की सूची में था, उनकी मृत्यु हो चुकी है। बाकी आरोपियों पर अब भी मामला चल रहा है।
क्या है सेक्स सीडी कांड?
2017 में सामने आए इस मामले में आरोप लगाया गया था कि एक सेक्स सीडी में तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत शामिल थे। इस मामले में रायपुर के सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था।
सितंबर 2018 में भूपेश बघेल की गिरफ्तारी हुई थी। उस समय वे छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। अब CBI द्वारा दायर रिवीजन पिटीशन के बाद यह मामला फिर से गरमा गया है।