रायपुर। प्रदेश के आदिवासी आश्रम/छात्रावास में स्कूली बच्चों की मौतों को लेकर मंत्री से सही उत्तर न आने से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने प्रश्न काल में ही सदन से बहिर्गमन किया।

विधानसभा में यह मामला कांग्रेस के विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया। उन्होंने कहा कि आदिवासी सीएम, आदिवासी मंत्री की सरकार में बस्तर संभाग के आश्रम -छात्रावासों में आदिवासी बच्चे सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि 3 वर्ष में 40 बच्चों की मौत हुई। वर्ष 22-23 में 4, 23-24 में 4और 24-25 में 17 मौतों की जानकारी दी गई है और शीत सत्र में भी 14 मौतें बताई गई थी। उस वक्त भी कम जानकारी दी गई थी। अजाक कल्याण मंत्री की अनुपस्थिति में जवाब दे रहे संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पूरी जानकारी दी गई है, लिखित उत्तर के परिशिष्ट देख लें। 23-24 में दो मौते हुई।

बीजापुर में हुई मौते छिपाई गईं – बघेल

बघेल ने कहा कि 3 वर्ष में कुल 25 मौते हुई। जिलेवार, छात्रावास वार जानकारी दे, और मौतों का क्या कारण? मंत्री ने कहा कि 24-25 में दो नहीं और भी मौतें हुई है। अलग से जानकारी दे दूंगा। बघेल ने कहा कि मेरी जानकारी में अकेले बीजापुर में 10 मौते हुई हैं, जिसे छिपाया गया है। मंत्री के पास मृतकों की जानकारी नहीं है। पिछले सत्र में भी गलत जानकारी दी गई थी। मंत्री कश्यप ने कहा कि 3 वर्ष में ट्राइबल छात्रावास के 25 बच्चों की मौत हुई। बाकी स्कूल शिक्षा विभाग के हैं जानकारी लेकर दे देंगे।

बघेल ने कहा पिछले सत्र में ऐसी गलत जानकारी देने वाले अफसरों पर कार्रवाई की बात कही गई थी। क्या कार्रवाई की गई। सभापति धर्म जीत सिंह ने कहा कि आपके पास जो तथ्य हैं दे दे, मंत्री परीक्षण करवा लेंगे। बघेल ने कहा कि दिखवा लेने से काम नहीं चलेगा। बच्चों की मौत का गंभीर मामला है। इस पर कांग्रेस के अन्य विधायक भी खड़े होकर आरोप लगाने लगे। तो मंत्री केदार कश्यप ने नाराजगी जताते हुए विपक्ष से ये सवाल पूछ लिया कि, कांग्रेस सरकार में जगरगुंडा में राशन किसने खाया ? हमें धरना देना पड़ा था? इस टिप्पणी पर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और फिर वाकआउट कर दिया।