0 वेब पोर्टल के स्टाफ को पत्रकार नहीं मानते CM हिमंता सरमा

गुवाहाटी। असम में एक डिजिटल समाचार पोर्टल के पत्रकार दिलवर हुसैन मोजुमदार को सहकारी बैंक के एमडी से गड़बड़ी के मामले में सवाल पूछना भारी पड़ गया। पत्रकार ने विरोध प्रदर्शन के दौरान एमडी से संस्था में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद, पुलिस ने पत्रकार को पकड़ लिया और उसे नौ घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आपराधिक धमकी से संबंधित धाराएं और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराएं शामिल हैं। गंभीर बात यह है कि पत्रकार को एक मामले मे जमानत मिलने के बाद दूसरे प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल यह विरोध प्रदर्शन एक सहकारी बैंक में कथित भर्ती घोटाले के खिलाफ था, जिसके निदेशक मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और भाजपा विधायक बिस्वाजीत फुकन इसके अध्यक्ष हैं।
गौरतलब है कि असम पुलिस ने गुवाहाटी स्थित वेब पोर्टल द क्रॉसकरंट के मुख्य संवाददाता मोजुमदार को शहर के पान बाजार पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट के लिए कहा था, क्योंकि वह असम जातीय परिषद (एजेपी) क्षेत्रीय पार्टी की युवा शाखा द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे।
एमडी से मौके पर पूछा था सवाल
इससे पहले दिन में जब प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी के बीच प्रबंध निदेशक (एमडी) डंबरू सैकिया मौके पर पहुंचे तो मोजुमदार ने अपना माइक उनकी तरफ कर दिया था। बाद में द क्रॉस करंट द्वारा जारी किए गए एक वीडियो क्लिप में मोजुमदार सैकिया से रुकने के लिए कह रहे थे ताकि वह प्रदर्शनकारियों के आरोपों से संबंधित कुछ सवाल पूछ सकें। सैकिया को मोजुमदार से ऊपर अपने कार्यालय में आने के लिए कहते हुए सुना जा सकता है, जो मोजुमदार अपने कैमरापर्सन के साथ थे।
घंटों हिरासत के बाद गिरफ्तारी
असम पुलिस ने बुधवार (26 मार्च) आधी रात को करीब 9 घंटे की हिरासत के बाद वरिष्ठ डिजिटल मीडिया पत्रकार दिलवर हुसैन मोजुमदार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का उल्लंघन करने सहित विभिन्न आरोपों के तहत गुवाहाटी में गिरफ्तार किया था।

पत्रकारों ने जमकर किया विरोध
गुवाहाटी प्रेस क्लब ने पहले मामले में जमानत मिलने के बाद दूसरे मामले में मोजुमदार की फिर से गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। गुवाहाटी प्रेस क्लब ने कहा कि वह सरकार के इस कदम से ‘हैरान’ है और मोजुमदार की तत्काल रिहाई की मांग की।
CM हिमंत पोर्टल के पत्रकार को केवल ‘एक व्यक्ति’ कहा
दूसरे मामले में पत्रकार की गिरफ्तारी पर हिमंत सरमा ने कहा, “वह सिर्फ एक व्यक्ति है।” उनका संदर्भ शहर स्थित एक समाचार पोर्टल के पत्रकार दिलवर हुसैन मोजुमदार से था, जिन्हें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
सरमा ने स्पष्ट रूप से कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ऑनलाइन समाचार पोर्टलों के पत्रकारों को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं देता है।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “मेरा मानना है कि वह सिर्फ एक व्यक्ति है, और ऐसी अटकलें हैं कि वह एक व्यवसायी है। वह डंपर का मालिक है और एक राजनेता द्वारा प्रचारित पोर्टल के लिए अंशकालिक पत्रकार के रूप में काम करता है।” उन्होंने कहा कि यह कैसे निर्धारित किया जा सकता है कि वह समाचार कवरेज या अन्य उद्देश्यों के लिए बैंक गया था।
उन्होंने कहा कि यदि प्रदर्शनकारी पत्रकार उन्हें लिखित में यह बताएं कि वह पत्रकार हैं और पूरी जिम्मेदारी लेते हैं तो “मैं उन्हें तुरंत रिहा कर दूंगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि मोजुमदार के खिलाफ तीन मामले हैं और उन्हें प्रत्येक मामले में जमानत लेनी होगी।
जगह-जगह हुआ विरोध प्रदर्शन
मोजुमदार, जो गुवाहाटी प्रेस क्लब के सहायक महासचिव भी हैं, की सनसनीखेज गिरफ्तारी की साथी पत्रकारों, गुवाहाटी में नागरिक समाज कार्यकर्ताओं और विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा व्यापक रूप से आलोचना की गई है। गुवाहाटी प्रेस क्लब के आलावा कई अन्य स्थानों पर पत्रकारों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस, रायजोर दल और असम जातीय परिषद समेत कई राजनीतिक दलों ने पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध किया है। साथ ही, मीडिया संगठनों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है।
एक बयान में कहा गया, “वरिष्ठ पत्रकार और गुवाहाटी प्रेस क्लब के सहायक महासचिव दिलवर हुसैन मजूमदार को अदालत से जमानत मिलने के तुरंत बाद दूसरे मामले में गिरफ्तार किया जाना चौंकाने वाला है। गुवाहाटी प्रेस क्लब मजूमदार की बिना शर्त तत्काल रिहाई की अपनी मांग दोहराता है। गुवाहाटी प्रेस क्लब पत्रकारों के साथ अपने रुख पर हमेशा अडिग है।”
