रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के चर्चित कोयला घोटाले का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को विशेष अदालत में इस घोटाले से जुड़े नौ और आरोपियों के खिलाफ पूरक चालान पेश किया है।

किन नामों का हुआ खुलासा?
ईडी की चार्जशीट में कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, रायपुर जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू के पति आईएएस जयप्रकाश मौर्य, कोयला फर्म के मालिक जोगिंदर सिंह, शेख मोइनुद्दीन, हेमंत जायसवाल, वीरेंद्र जायसवाल, एडवोकेट पीयूष भाटिया, पारिख कुर्रे और राहुल को आरोपी बनाया गया है।
इससे पहले, अवैध कोल लेवी मामले में ईडी पूर्व कलेक्टर रानू साहू, निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, हेमंत जायसवाल और उनके भाई वीरेंद्र जायसवाल समेत करीब 20 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
क्या है कोयला घोटाला?
छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपये के कथित कोयला घोटाले में लेवी वसूली का मामला सामने आया था। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि कोयला परिवहन के दौरान व्यापारियों से अवैध वसूली की जा रही थी। इसके लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था।
खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आरोप है कि इस वसूली को अंजाम देने के लिए एक सिंडिकेट बनाया गया था। इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना जा रहा है।
आगे क्या?
ईडी की जांच लगातार जारी है, और इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। इससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है।