रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त मंत्रालय ने समस्त विभागों को बजट आबंटन 2025-26 की सूचना जारी करते हुए तमाम दिशा-निर्देश जारी किये हैं और कहा है कि व्यय इस प्रकार निर्धारित की जाए कि वित्तीय सत्र के आखिर में खर्च करने की आपाधापी न हो। वित्त सचिव मुकेश कुमार बंसल ने बजट व्यय को चार तिमाही में बांट दिया है और विभागों को अब उसी हिसाब से बजट खर्च करना होगा। अब प्रथम छमाही में 40 परसेंट, वहीं मार्च में 15 परसेंट से अधिक व्यय किया तो अफसरों को मुसीबत झेलनी पड़ सकती है।

वित्त विभाग ने समस्त विभागों के लिए जो गाइड लाइन तय की है उसमे चरणबद्ध ढंग से आबंटित बजट को खर्च करने को कहा गया है। जारी प्रमुख दिशानिर्देश कुछ इस प्रकार हैं :
- विभागों को वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में कुल बजट प्रावधान का
40 प्रतिशत व्यय करना होगा, जिसमें से प्रथम तिमाही में 25 प्रतिशत तथा द्वितीय तिमाही में 15 प्रतिशत व्यय शामिल होगा। - द्वितीय छमाही में कुल बजट प्रावधान का 60 प्रतिशत व्यय किया जाएगा, जिसमें से तृत्तीय तिमाही में 25 प्रतिशत एवं चतुर्थ तिमाही में 35 प्रतिशत व्यय शामिल होगा।
- बजट आबंटन की सर्वर में प्रविष्टि 2 किश्तों में अर्थात प्रथम छःमाही तथा द्वितीय छःमाही के लिए ही की जाएगी, न कि प्रत्येक तिमाही के लिए। व्यय की सीमा तिमाही के लिए ही होगी एवं व्यय की मॉनीटरिंग वित्त विभाग द्वारा तिमाही आधार पर की जाएगी।
- वित्तीय वर्ष के अंतिम माह अर्थात मार्च में व्यय की अधिकतम सीमा कुल बजट प्रावधान का 15 प्रतिशत तक होगी।
- प्रथम छमाही में निर्धारित सीमा से कम व्यय करने की स्थिति में बचत राशि का 50 प्रतिशत, तृतीय तिमाही में व्यय के लिए अग्रेषित (बंततल वितूंतक) की जा सकेगी जिसका उपयोग तृत्तीय तिमाही में करना अनिवार्य होगा। इसके लिए विभागों को निर्धारित सीमा से कम व्यय का औचित्य स्पष्ट करते हुए वित्त विभाग से सहमति प्राप्त करनी होगी। बचत की शेष 50 प्रतिशत राशि आवश्यकता के आधार पर अन्य विभागों को आबंटित की जाएगी।
- यह देखने में आया है कि कतिपय विभागों द्वारा मार्च के अंतिम सप्ताह में योजनाओं का पूर्ण आबंटन जारी किया गया है जो कि उपरोक्तानुसार निर्देशों के अनुकूल नहीं है। विभाग तिमाही आधार पर निर्धारित व्यय सीमा का कड़ाई से पालन करते हुए यह सुनिश्चित करें कि सभी निरंतर योजनाओं में बजट आबंटन प्रति त्रैमास हेतु निर्धारित सीमा के अनुसार जारी किया जाए। किसी भी स्थिति में वित्त वर्ष की अंतिम माह में किसी भी योजना का आबंटन बिना वित्त विभाग के सहमति के जारी अथवा आहरण नहीं किया जाए।
- स्थापना अनुदान एवं अशासकीय संस्थाओं को अनुदान अंतर्गत प्रथम छमाही के लिए 40 प्रतिशत एवं द्वितीय छमाही के लिए 60 प्रतिशत व्यय सीमा निर्धारित की जाती है। प्रथम छमाही में निर्धारित सीमा से कम व्यय करने की स्थिति में बचत राशि का 50 प्रतिशत तृतीय तिमाही में व्यय के लिए अग्रेषित की जा सकेगी। जिसका उपयोग तृतीय तिमाही में करना अनिवार्य होगा।
बजट आबंटन को लेकर जारी प्रपत्र पर जरा एक नजर डालिये :





