टीआरपी डेस्क। इंटरनेट पर इन दिनों Ghibli ट्रेंड ने धूम मचा रखी है। लोग ChatGPT जैसे AI टूल्स का उपयोग कर अपने फोटो को Studio Ghibli के स्टाइल में बदल रहे हैं और सोशल मीडिया पर जमकर शेयर कर रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर यह ट्रेंड काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जहां हर कोई अपनी एनिमेटेड फोटो शेयर करने में जुटा है। हालांकि, यह ट्रेंड जितना मजेदार दिखता है, इसके पीछे उतना ही बड़ा खतरा भी छिपा है।

फेशियल डाटा पर मंडरा रहा खतरा
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना AI जनरेटेड आर्ट्स की बढ़ती लोकप्रियता के बीच यूजर्स को अपनी निजता को लेकर सतर्क रहना चाहिए। Ghibli-स्टाइल की यह मासूम सी दिखने वाली फोटो दरअसल, आपका ताजा फेशियल डाटा AI प्लेटफॉर्म को दे रही होती है। इसका दुरुपयोग न केवल AI कंपनियों द्वारा किया जा सकता है, बल्कि साइबर अपराधी भी इस डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
साइबर अपराधियों की नई चाल
साइबर पुलिस को आशंका है कि इस ट्रेंड के नाम पर ठगी के मामले सामने आ सकते हैं। कुछ नकली एप्स और वेबसाइट्स Ghibli जैसे नामों से आ सकती हैं, जो यूजर्स का डाटा चुराने के इरादे से बनाई जाती हैं। पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि किसी भी नई साइट या एप का उपयोग करने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल जरूर कर लें।
सोशल मीडिया पर एनिमेटेड फोटो की बाढ़
इन दिनों हर कोई अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों की एनिमेटेड या कार्टून-स्टाइल फोटो बनाकर पोस्ट कर रहा है। यह ट्रेंड मनोरंजन के लिए है, लेकिन इसके पीछे संवेदनशील डाटा के लीक होने का भी खतरा छिपा है। साथ ही ठग मिलते-जुलते नामों से नकली एप्स बनाकर लोगों की निजी जानकारी चुरा सकते हैं।
साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो जब हम अपनी तस्वीरें AI प्लेटफॉर्म पर साझा करते हैं, तो हमें नहीं पता कि यह डाटा कहां सेव हो रहा है और किस तरह इस्तेमाल किया जाएगा। भविष्य में AI तकनीक का उपयोग कर इस डाटा से फर्जीवाड़ा हो सकता है।
जानिए Studio Ghibli क्या है?
Studio Ghibli जापान का एक मशहूर एनिमेशन स्टूडियो है, जिसकी स्थापना 1985 में हायाओ मियाजाकी और इसाओ ताकाहाता ने की थी। इसकी खासियत इसके हाथ से बनाए गए एनिमेशन हैं, जो दुनियाभर में लोकप्रिय हैं। हालांकि, आजकल लोग इसे Ghibli की जगह Gibli, Jivli या Givli जैसे नामों से भी जानते हैं।